माओवाद प्रभावित गांवों में RSS का नवाचार, मॉडर्न एजुकेशन के लिए मोबाइल कंप्यूटर लैब बस का होगा शुभारंभ

आदिवासी बहुल बालाघाट जिले के सुदूर गांवों में अब बच्चों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की पहल शुरू हो चुकी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एकल अभियान टीम ने ‘एकल ग्राम, एकल विद्यालय’ के मॉडल पर काम करते हुए ऐसे गांवों में मोबाइल कंप्यूटर लैब भेजने की शुरुआत की है, जहां आज तक मूलभूत शिक्षा भी सपना थी। बुधवार से इस नवाचार का पहला चरण शुरू हो गया है, जिसमें विद्यार्थियों को निःशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी।

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में शिक्षा की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एकल अभियान टीम ने माओवाद प्रभावित इलाकों में आधुनिक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए मोबाइल कंप्यूटर लैब बस का शुभारंभ किया है। यह पहल उन गांवों के लिए है, जहां आज भी स्कूल और शिक्षक जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।

‘एकल ग्राम, एकल विद्यालय’ योजना के अंतर्गत इन गांवों में डिजिटल शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य है। इस योजना का पहला चरण बुधवार से शुरू हो गया, जिसमें लगभग 100 विद्यार्थियों को तीन महीने तक निःशुल्क कंप्यूटर क्लास दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के अंत में छात्रों को इंदिरा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक से प्रमाणपत्र भी मिलेगा।

इस परियोजना की शुरुआत लांजी क्षेत्र के सुलसुली, घोटी, नसकट्टा, नेवरवाही, बोलेगांव, कोदापार जैसे गांवों से की गई है। इन गांवों में कंप्यूटर लैब बस बारी-बारी से तीन महीने तक पहुंचेगी और रोजाना सुबह 7 से 9 बजे तक दो घंटे की कंप्यूटर क्लास लगाई जाएगी। एक बार में 18 छात्रों को कंप्यूटर और इंटरनेट का प्रशिक्षण मिलेगा। अगर छात्रों की संख्या अधिक हुई तो दो बैचों में क्लास ली जाएगी।

कंप्यूटर बस में तीन प्रशिक्षक रहेंगे जो पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं और इन गांवों के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से सशक्त बनाएंगे। खास बात यह है कि यह पूरी व्यवस्था माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में लागू की जा रही है, जहां सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होती है। इसीलिए बालाघाट पुलिस की मदद से इन क्लासेस की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

इस पहल पर बालाघाट के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने कहा कि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है जिससे समाज में सही और गलत की समझ विकसित होती है। हम चाहते हैं कि इन दूर-दराज के बच्चों को भी वही सुविधाएं मिलें जो शहरों में हैं। हमने ऐसे 98 गांव चिन्हित किए हैं जहां नेटवर्क की समस्या है और जल्द ही वहां फोर-जी नेटवर्क पहुंचाया जाएगा।

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