वक्फ बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ. एक बार फिर सभी विपक्षी सांसदों ने बैठक से वॉकआउट किया. जानकारी के अनुसार, विपक्षी सांसदों ने भाजपा सांसदों पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि इस दौरान समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने भी बीजेपी सांसदों पर कोई एक्शन नहीं लिया. वहीं, भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल विपक्षी सांसदों की ओर से किया गया.
ओम बिरला को लिखी चिट्ठी
विपक्षी सांसदों ने वक्फ कमेटी के चेयरमैन के खिलाफ ओम बिरला से शिकायत की है. विपक्षी सांसदों का आरोप है सोमवार को हुई बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता का उल्लंघन किया गया. बता दें कि सोमवार को भी बैठक काफी हंगामेदार थी.सोमवार को भी हुई थी गहमागहमी
सोमवार को भी विपक्षी दलों के सांसदों ने जेपीसी बैठक का बहिष्कार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का मामला उठाया गया. सांसदों का कहना था कि समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक नहीं की जा रही है. कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, डीएमके के ए राजा, शिव सेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने इस बैठक का विरोध किया था.
Several opposition MPs write to Lok Sabha Speaker Om Birla alleging gross violation of parliamentary code of conduct during today's meeting of the Joint Parliamentary Committee on Waqf (Amendment) Bil, 2024.
"The proceedings of the Committee were conducted in a biased and… pic.twitter.com/O9vXFsGn39
— ANI (@ANI) October 15, 2024
सिद्धांतों पर काम नहीं कर रही समिति
अरविंद सावंत ने आरोप लगाया था कि समिति के सामने पेश होने वाले लोगों को व्यक्तिगत आरोप लगाने की अनुमति दी गई थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ आरोप लगाए गए. उन्होंने कहा कि यह समिति के सिद्धांतों और नियमों के तहत नहीं था.
खड़गे पर वक्फ की संपत्ति हड़पने के आरोप
कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपेडी ने समिति के सामने 11 पन्नों का प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन नेताओं का जिक्र किया गया था जिन पर वक्फ की संपत्ति हड़पने का आरोप है. इस लिस्ट में अध्यक्ष खड़गे का नाम भी शामिल था, जिसका खासतौर पर विपक्षी दलों ने विरोध किया. वक्फ के 2.3 लाख करोड़ के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिपेडी कमेटी की रिपोर्ट 26 मार्च 2012 को तत्कालीन सीएम सदानंद गौड़ा को दी गई थी.