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बालोद में नीट परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स और परिजनों का हंगामा, जानिए पूरा मामला

बालोद: मेडिकल क्षेत्र की सबसे बड़ी परीक्षा नीट के लिए पहली बार बालोद जिले में दो केंद्र बनाए गए थे। इस दौरान भारी लापरवाही देखने को मिली है। यहां परीक्षार्थियों का आरोप है कि उन्हें गलत एग्जाम पेपर लाकर दिया गया था, जिसके बाद छात्र-छात्राओं को परीक्षा के समय काफी कंफ्यूजन हुआ। साथ ही 45 मिनट से अधिक का समय उनका बर्बाद हुआ। परीक्षा प्रश्न पत्र को भरने के बाद उसे कैंसिल कर दूसरा पत्र भरने को कहा गया। उसके बाद एक्स्ट्रा समय देने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में समय भी नहीं दिया गया। इस परीक्षा में कुल 391 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।

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परिजनों ने किया जमकर हंगामा

स्टूडेंट्स की मानें तो परीक्षा के समय दो-दो क्वेश्चन पेपर दे दिए गए थे, पहले किसी और को हल कराया गया फिर उसे जमा करा कर दूसरे पेपर को हल करने कहा गया। इस तरह बच्चों का समय भी बर्बाद हुआ, जिसके कारण वह अच्छे से परीक्षा भी नहीं दे पाए। पूरे प्रदेश भर में ये लापरवाही बालोद जिले से सामने आई है। परीक्षा खत्म होने के बाद जब ये पूरी बात पैरेंट्स को पता चली तो परीक्षा केंद्र में जमकर हंगामा हुआ।अधिकारियों को स्कूल से निकलने नहीं दिया गया।

 

जानिए क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

परीक्षा हॉल से निकलने के बाद बच्चों का बुरा हाल था। बच्चों ने प्रशासन के ऊपर गंभीर आरोप लगाए। वहीं, एक स्टूडेंस ने बताया कि, “पढ़ाई में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं। सुबह 3:30 बजे तक पढ़ते हैं। उसके बाद यहां पर इस तरह का रवैया किया जाता है, जिससे हमारा भविष्य पूरी तरह अंधकार में होता है। हमें परीक्षा देने के दौरान पूरी तरह मिस गाइड किया गया। कोई गाइडेंस देने वाला नहीं था।” वहीं, एक अन्य स्टू़डेंट्स ने बताया कि, ” यदि बालोद जिले में केंद्र बनाया गया है तो सभी जिम्मेदारियां को अच्छे से निभाना था। यहां पर केंद्र बनाया गया और पूरी तरह लापरवाही की गई। हम बच्चों के साथ यहां पर भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। ”

 

परीक्षार्थी ने मानी अपनी गलती

दरअसल, बालोद जिले के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से बनाए गए शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाया गया। यहां आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य अरुण साहू ने हंगामा के बाद मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, “हम अपनी गलती मान रहे हैं कि बच्चों को गलत एग्जाम पेपर दिया गया था। बैंक से एग्जाम पेपर लाने में गलती हुई। स्टेट बैंक और केनरा बैंक दोनों जगह नीट की एक क्वेश्चन पेपर जमा थे। वहां से दोनों जगह से प्रश्न पत्र लिए गए. उसके बाद हम खुद कंफ्यूज हो गए थे। पहले बच्चों को दूसरा प्रश्न पत्र हल करने कहा गया फिर हमें लगा कि यह नहीं है तो फिर दूसरा प्रश्न पत्र दिए।”

बता दें कि परीक्षा लेने वाले जितने भी कर्मचारी थे, वे प्राचार्य कक्ष में कुर्सियों पर बैठे हुए थे। जब पेरेंट्स उनसे जवाब मांगने पहुंचे तो वह भी उनके सामने बेबस नजर आए। मौके पर पुलिस तक बुलानी पड़ी। लेकिन स्टूडेंट्स के परिजन नहीं मानें। सभी बच्चों के पेरेंट्स परीक्षा कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं।

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