छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ED की रेड का मामला विधानसभा में भी गूंजा। बता दें कि ED ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक यह गिरफ्तारी शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है। सरकार के दबाव में कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि आज बच्चे का जन्मदिन है और उसे उठा लिया गया है। ये सब सरकार के दबाव में हो रहा है। आज की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं। इसके बाद कांग्रेस के सभी विधायक सदन से बाहर निकल गए।
धान खरीदी और एनजीओ अनुदानों को लेकर किए सवाल
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन है। बहिष्कार से पहले विपक्ष ने सरकार को धान खरीदी और एनजीओ अनुदानों को लेकर जमकर घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा कि धान की कुल नीलामी कितनी हुई और जो एफसीआई और नान को दिया जाना था, वह मिलर्स को कितना दिया गया है।
भूपेश ने सवाल किया कि धान केंद्रों से उठा लिया, तो फिर धान है कहां? राइस मिलर्स को 1,59,000 मीट्रिक टन धान दे दिया गया। संग्रहण केंद्रों में 51,000 मीट्रिक टन धान है, लेकिन फिर नीलामी कितनी हुई? और एफसीआई और नान को देने के लिए मिलर्स के पास कितना स्टॉक है?
इस पर जवाब में मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि संचारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में 2,25,000 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी, जिसमें से 1,79,700 मीट्रिक टन धान राइस मिलर्स को भेजा गया। बचत में मात्र 51 हजार 691 मीट्रिक टन धान बचा है।
मंत्री ने बताया कि करीब 1,000 मीट्रिक टन धान ही खरीदी केंद्र में है और बाकी संग्रहण केंद्रों में चला गया है। सभी आंकड़े पारदर्शी हैं, नीलामी और एफसीआई-नान को धान भेजने की प्रक्रिया नियमों के तहत की गई है।
एनजीओ अनुदान पर उठा विवाद, कांग्रेस विधायक ने उठाए सवाल
महासमुंद से कांग्रेस विधायक चतुरी नंद ने महिला एवं बाल विकास विभाग से पूछा कि किन सामाजिक संस्थाओं को कितना अनुदान मिला है और उसका उपयोग किस मद में किया गया। उन्होंने खासतौर पर फॉर्च्यून फाउंडेशन NGO का जिक्र करते हुए कहा कि दस्तावेजों में 2024-25 और 2025-26 में जो राशि दिखाई गई है, वह मंत्री के बताए आंकड़ों से मेल नहीं खा रही।
इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब में बताया कि फॉरच्यून फाउंडेशन महासमुंद और आशियाना वृद्धाश्रम को चलाती है। 2023-24 में संस्था को ₹23.59 लाख, 2022-23 में ₹23 लाख, और 2024-25 में ₹10 लाख का अनुदान दिया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, “जिन राशियों में अंतर दिखाई दे रहा है, वह दो किस्तों में जारी की गई रकम के कारण हो सकता है। फिर भी मैं जानकारी की पुष्टि करवाने के लिए तैयार हूं।”
विधायक चातुरी नंद ने की जांच की मांग
कांग्रेस विधायक चतुरी नंद ने सदन में मांग की कि NGO को दिए गए अनुदान और उनके दस्तावेजों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि अगर संस्था महासमुंद में है, तो उसका दफ्तर कहां है? बजट का वास्तविक उपयोग किस काम में किया गया।
मंत्री ने जवाब में बताया कि संस्था की संपर्क जानकारी और बजट उपयोग की जानकारी विभाग उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पारदर्शिता के साथ सभी रिकॉर्ड जांच के लिए तैयार हैं।
विधायक भैया लाल ने कहा- गलत जानकारी दी गई
विधायक भैया लाल राजवाड़े ने मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से पूछा कि मैंने जो पूछा था उसके हिसाब से जानकारी सही नहीं दी गई है। मैंने पूछा था कि कितने आवेदन दिव्यांगों के लिए आए हैं। इस पर विभाग ने जवाब में कहा कि 21 आवेदन आए हैं। क्या यह गलत जानकारी देकर आपको फंसाने का काम कर रहा है।
इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने खड़े होकर जवाब देते हुए कहा कि डिपार्टमेंट मेरे पास है। इतना बड़े आप वरिष्ठ सदस्य हमारे मार्गदर्शक भी हैं। उनके प्रश्न में यह था कि बैकुंठपुर जिला कोरिया कितने आवेदन दिव्यांगों के आए हुए हैं। 21 आवेदन की जानकारी दी गई है। भैया लाल राजवाड़े ने कहा कि सुशासन तिहार में इतने आवेदन आए हैं। निराकरण कहां हुआ है, मैंने तो पूरे विधानसभा की बात की है।
जानिए सत्र के चौथे दिन क्या-क्या हुआ
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन हंगामेदार रहा। डीएपी (उर्वरक) खाद की सप्लाई का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व CM भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार पर प्राइवेट सेक्टर को डीएपी देकर किसानों को वंचित रखने का आरोप लगाया।
सदन में खूब नारेबाजी हुई। हंगामा करते हुए कांग्रेस के विधायक विधानसभा सदन के गर्भगृह में जा पहुंचे। कई बार समझाने के बाद भी जब कांग्रेसी विधायक सदन के बाहर नहीं गए तो स्पीकर डॉ रमन सिंह नाराज हुए।
डॉ. रमन ने कहा था कि 25 साल से जो परंपरा चली आ रही है, इसे तोड़ने का काम प्रतिपक्ष के लोग कर रहे हैं। यहां संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके बाद डॉक्टर रमन सिंह ने सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया। हालांकि, 5 मिनट बाद सदन की कार्रवाई फिर से शुरू हुई।
पटेल ने पूछा- डीएपी भंडारण का कितना लक्ष्य था?
पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ में डीएपी की आपूर्ति को लेकर सवाल किया। पटेल ने पूछा कि छत्तीसगढ़ में डीएपी भंडारण का कितना लक्ष्य था? कितना भंडारण हो चुका है? कितना व्यापारियों को दिया गया और कितना सोसाइटियों के जरिए किसानों को पहुंचाया गया ?
इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि 3 लाख 10 हजार मिट्रिक टन का लक्ष्य था, जून तक 1 लाख 18000 मिट्रिक टन डीएपी मिला है। आने वाले 4 से 5 दिनों में बड़ी मात्रा में डीएपी की रेक मिलने वाली है, जिससे आपूर्ति बेहतर हो सकेगी।
कृषि मंत्री नेताम ने स्वीकारी DAP की कमी
उमेश पटेल ने कहा था कि यह तो 50% से भी कम भंडारण की स्थिति है। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने डीएपी की कमी स्वीकारी, उन्होंने कहा लेकिन यह सिर्फ छत्तीसगढ़ की परेशानी नहीं है। एक वैश्विक समस्या है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है।
मोदी का नाम सुनते ही मचा बवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही कांग्रेस विधायकों ने बवाल शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री भाषण दे रहे हैं। इसके बाद प्राइवेट सेक्टर को डीएपी देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया।
स्थिति काे संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की स्थिति को देखते हुए सरकार को यह करना चाहिए कि डीएपी प्राइवेट सेक्टर में न देकर 100% सोसाइटी में ही देना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि हम यही व्यवस्था आने वाले दिनों में करने जा रहे हैं।
जब गर्भगृह में ही बैठ गए कांग्रेसी
इस दौरान ‘DAP खाद देना होगा’, ‘किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी’, ‘कृषि मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे खुद भूपेश बघेल लगवाते हुए सभी विधायकों के साथ गर्भगृह में आ गए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सदन के गर्भगृह में आने की वजह से सभी कांग्रेस विधायक निलंबित हो गए हैं। सदन के बाहर चले जाएं। कांग्रेसियों ने इस बात को अनदेखा कर दिया और वहीं बैठकर नारे लगाते रहे।
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब ये सभी निलंबित हो चुके हैं फिर भी सदन की कार्रवाई में बाधा पहुंचाना, ये तो नई परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं। इसके बाद फिर रमन सिंह ने सभी को बाहर जाने को कहा, ऐसा दो बार कहा गया मगर कोई कांग्रेसी विधायक बाहर नहीं गया। नारेबाजी चलती रही।