पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बढ़ती महंगाई पर जनता में भारी रोष है. वहां हिंसक प्रदर्शन से पाकिस्तान सरकार घुटनों पर आ गई है. शहबाज शरीफ सरकार ने PoK को तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये का बजट मंजूर किया है. स्थानीय सरकार ने भी बिजली दरों और ब्रेड के दामों में कटौती का ऐलान किया है. फिलहाल, PoK में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण है. शुक्रवार से इस क्षेत्र में विरोध-प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. सोमवार को चौथे दिन भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई हैं. मरने वालों की संख्या तीन हो गई है. इनमें दो प्रदर्शनकारी और एक SI शामिल है. रविवार को झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
दरअसल, पिछले चार दिन से जरूरी चीजों के दाम बढ़ने और टैक्स में बढ़ोतरी के खिलाफ PoK में सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारियों और वकीलों द्वारा गठित संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी ने राजधानी मुजफ्फराबाद तक मार्च करने का आह्वान किया है. सोमवार को भी लाखों प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद की ओर लॉन्ग मार्च जारी रखा. पुलिस ने इस मार्च को रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हो गईं. रविवार को भीड़ में किसी ने पुलिस के SI अदनान कुरेशी की गोली मारकर हत्या कर दी. झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे. अब तक दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हुई है.
बता दें, भिंबर से शुरू हुआ प्रदर्शनकारियों का काफिला सोमवार को दीरकोट से मुजफ्फराबाद में प्रवेश कर गया. ये प्रदर्शनकारी मुजफ्फराबाद में विधानसभा का घेराव करेंगे. चौथे दिन भी पीओके में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद रहीं. इस बीच, प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी एक्टिव हुए हैं. शहबाज ने हालात के बारे में चिंता जताई है. उन्होंने सोमवार को प्रदर्शनकारियों और स्थानीय सरकार से बातचीत के बाद पीओके को तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये के बजट की मंजूरी दी है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा, अप्रत्याशित विरोध और इसकी संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री शरीफ ने सोमवार को एक विशेष बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक, स्थानीय मंत्री और टॉप लीडरशिप ने हिस्सा लिया. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री शरीफ ने PoK के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए 23 अरब रुपये के बजट को मंजूरी दी. बैठक में मंत्रियों और गठबंधन दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया और स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई. PMO ने कहा कि कश्मीर के नेताओं और बैठक में शामिल लोगों ने शहबाज के फैसले की सराहना की.
इधर, शहबाज शरीफ के साथ बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद पीओके के प्रधानमंत्री हक ने बिजली दरों में कटौती की घोषणा की. हक ने कहा, स्थानीय निवासी पिछले कुछ दिनों से सस्ती बिजली और आटा पर सब्सिडी की मांग उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, कोई भी सुलभ बिजली और सस्ते आटा की जरूरत को नजरअंदाज नहीं कर सकता है. उन्होंने ब्रेड की कीमतों में भी कटौती की घोषणा की.
वहीं, रावलकोट के एक प्रदर्शनकारी नेता ने सरकार पर टालमटोल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पहले ही कई जगहों पर कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड को बंद करके धरना दिया है. यह सड़क 40 किलोमीटर तक फैली हुई है और कोहाला शहर को पीओके के मुजफ्फराबाद से जोड़ती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चौराहों और संवेदनशील जगहों पर पुलिस की भारी टुकड़ियां तैनात की गई हैं. बाजार, व्यापार केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि परिवहन सेवाएं सस्पेंड की गई हैं.
शनिवार को प्रदर्शन के दौरान मीरपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने के बाद सरकार ने पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाया. प्रधानमंत्री शरीफ ने रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों पर गहरी जताई और कहा, कानून को अपने हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. ये कृत्य बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, मैं सभी पक्षों से अपनी मांगों के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बात करने का आग्रह करता हूं.
तनाव को शांत करने के लिए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सभी लोगों से संयम बरतने और बातचीत और आपसी परामर्श के जरिए मुद्दों को हल करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक दलों, राज्य संस्थानों और क्षेत्र के लोगों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, ताकि दुश्मन अपने लाभ के लिए स्थिति का फायदा ना उठा सकें. राष्ट्रपति ने कहा, वो मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए प्रधानमंत्री शरीफ के साथ बातचीत करेंगे. राष्ट्रपति ने वर्तमान स्थिति पर खेद जताया और पुलिस अधिकारी की मौत पर संवेदना व्यक्त की. झड़पों में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की.
शनिवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुंछ-कोटली रोड पर एक मजिस्ट्रेट की कार समेत कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसके अलावा, पूरे क्षेत्र में मार्केट, बिजनेस सेंटर, दफ्तर, स्कूल और रेस्टोरेंट बंद रहे. हिंसा के बाद पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की और मुजफ्फराबाद में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया. एक दिन पहले ही सरकार ने क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी थीं. डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 9 और 10 मई को करीब 70 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लॉन्ग मार्च को रोकने के लिए गिरफ्तार किया. विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सोमवार को सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे.