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बहराइच में गर्भवती की मौत पर हंगामा, प्राचार्य बोले- होगी जांच

बहराइच: सांस की तकलीफ और चिकित्सीय लापरवाही ने प्रमिला (22) की जिंदगी छीन ली. वह छह माह की गर्भवती थीं. प्रमिला की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया. सुबह अचानक सांस लेने में दिक्कत बढ़ने पर परिजन आनन-फानन मेडिकल कॉलेज बहराइच लेकर पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि भर्ती करने के बाद डॉक्टरों ने केवल ऑक्सीजन मास्क लगाकर छोड़ दिया और तीन घंटे तक न कोई दवा दी, न इंजेक्शन. इलाज न मिलने से प्रमिला ने दम तोड़ दिया.

मोतीपुर के चौधरी गांव निवासी सुनील कुमार और दुर्गेश कुमार का कहना है कि उन्होंने बार-बार डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों से दवा और इंजेक्शन लगाने की गुहार की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. आरोप है कि जब उन्होंने भर्ती और इलाज को लेकर दबाव बनाया, तो उनसे रुपये की मांग की गई. रुपये न देने पर नजरअंदाज किया गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद प्रमिला की मौत हो गई. प्रमिला की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो उठे और मेडिकल कॉलेज में हंगामा करने लगे.

परिजनों की पुकार सुनकर सीएमएस डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी मौके पर पहुंचे. उन्होंने सभी को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर ने लखनऊ रेफर करने की सलाह दी थी. रेफर करने के लिए रुपये मांगे गए. वे सभी रुपयों का इंतजाम करने में जुटे रहे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए मेडिकल कॉलेज चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह आक्रोशित परिजनों को समझाकर शांत कराया.

प्राचार्य बोले- गंभीर स्थिति में आई थी मरीज

मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय खत्री ने कहा- मरीज गंभीर स्थिति में आई थी. उसका पल्स व बीपी दोनों बहुत कम था. इलाज तत्काल प्रारंभ हो गया था, लेकिन स्थिति पहले से चिंताजनक होने के कारण सफलता नहीं मिली. इसके बावजूद यदि पीड़ित परिवार कोई शिकायती पत्र देता है, तो उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. यदि कोई कर्मचारी इसमें दोषी मिलेगा, तो उस पर कार्रवाई होगी.

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