राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर निवाड़ी में लड़के और लड़कियों के बीच कबड्डी मैच कराया गया। आयोजन का उद्देश्य खेल भावना को बढ़ावा देना था, लेकिन यह मुकाबला विवादों में घिर गया। कांग्रेस ने इस आयोजन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र खटीक की मौजूदगी में अनुशासनहीनता हुई। वहीं, खिलाड़ियों और उनके परिजनों का कहना है कि यह मैच उनकी सहमति से हुआ था और इसमें किसी तरह की जबरदस्ती नहीं थी।
खेल के दौरान दोनों टीमों ने जमकर प्रतिस्पर्धा की। कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए, जिनमें पुरुष और महिला खिलाड़ी एक-दूसरे को रोकते और गिरते दिखाई दिए। इन्हीं दृश्यों को लेकर विवाद और तेज हुआ। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए कि क्या वाकई अभिभावकों की सहमति ली गई थी? उनका आरोप है कि यह आयोजन सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ है।
दूसरी ओर, महिला खिलाड़ियों ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने पूरी सहमति से इस मैच में भाग लिया। उनका तर्क है कि जिला और राज्य स्तर पर भी वे पुरुष खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करती हैं, इसलिए इसमें कोई अनुशासनहीनता नहीं है। खिलाड़ी मधु कुशवाहा और निधि अहिरवार ने कहा कि वीडियो को लेकर सवाल उठाना खेल की भावना को ठेस पहुंचाना है।
भाजपा नेताओं ने इस विवाद को राजनीति से प्रेरित बताया। उनका कहना है कि विपक्ष खेल को राजनीति से जोड़कर खिलाड़ियों का मनोबल गिरा रहा है। वहीं, आयोजन समिति का दावा है कि खिलाड़ियों और उनके परिजनों की लिखित सहमति लेकर ही यह मुकाबला कराया गया था।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। जहां एक तरफ कांग्रेस इसे सामाजिक मुद्दा बता रही है, वहीं भाजपा इसे विपक्ष की साजिश करार दे रही है। खिलाड़ियों की राय साफ है कि खेल को लेकर विवाद करना गलत है और खेल की भावना को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।