महंत के ‘चमचे’ बयान पर बवाल: सचिन पायलट से होगी शिकायत, आंदोलन में भी होंगे शामिल

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ राज्यव्यापी ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है। 9 सितंबर को बिलासपुर से बड़े आंदोलन और रैली की शुरुआत होगी। इस आंदोलन में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट भी शामिल होंगे।

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उनके दौरे से एक ओर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है, जबकि दूसरी ओर पार्टी की अंदरूनी सियासत गरमाने के आसार हैं। दरअसल, हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं के बीच बयानबाजी और अनुशासनात्मक विवाद ने संगठन की मुश्किलें बढ़ा दी है।

पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे के बयान पर मचे बवाल के बीच नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के “चमचे” वाले बयान ने खींचतान को और गहरा कर दिया है। इन विवादों को लेकर कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी प्रभारी महासचिव पायलट के सामने अपनी-अपनी शिकायतें रखने की तैयारी में हैं।

आरोप यह भी है कि संगठन में कार्रवाई एकतरफा ढंग से की जा रही है। ऐसे में पायलट की मौजूदगी में असंतोष खुलकर सामने आने की संभावना है।

सभी दिग्गज होंगे एक मंच पर

एआईसीसी के निर्देश पर चल रहे इस आंदोलन के दौरान कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं के एक मंच पर नजर आने की उम्मीद है। बिलासपुर में होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम के बाद राजधानी रायपुर समेत सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में रैलियां आयोजित की जाएंगी। कांग्रेस इसे भाजपा सरकार की नीतियों और चुनाव में “वोट चोरी” के आरोपों के खिलाफ बड़ा जनआंदोलन बनाने की कोशिश में है।

हालांकि, संगठनात्मक तैयारियों को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। एआईसीसी ने इस आंदोलन का कार्यक्रम पहले 22 अगस्त से 7 सितंबर तक निर्धारित किया था, लेकिन राज्य में इसकी गति धीमी रही। अब बिलासपुर से इसकी औपचारिक शुरुआत कर जोर-शोर से आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई जा रही है।

विवाद-गुटबाजी, कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती

कांग्रेस के भीतर जारी अनुशासनात्मक विवादों और गुटबाजी के बीच यह आंदोलन पार्टी के लिए दोहरी चुनौती साबित हो सकता है। एक ओर भाजपा पर प्रहार की रणनीति है, तो दूसरी ओर संगठन के भीतर उठ रही दरारों को भरने की भी कसौटी होगी। सभी की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि सचिन पायलट की मौजूदगी कांग्रेस के भीतर एकजुटता ला पाएगी या अंदरूनी खींचतान और ज्यादा सामने आ जाएगी।

अब पढ़िए किस बयान पर चल रहा विवाद

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बर्थडे पर कांग्रेस के सीनियर नेता रविंद्र चौबे ने उनकी अगुवाई में बीजेपी से लड़ने का बयान दिया था। रविंद्र चौबे के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने रविंद्र चौबे को महाज्ञानी नेता बताया था।

इन बयानों पर विवाद हुआ और रविंद्र चौबे खिलाफ कांग्रेस के कुछ सीनियर नेता लामबंद हो गए। दिल्ली तक शिकायत देकर कार्रवाई की मांग रखी। इस विरोध को देकर कांग्रेस नेता रविंद्र चौबे ने यू टर्न लिया और दीपक बैज के साथ होने का बयान प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर दिया।

इसी बीच कांग्रेस भवन में बैठक आयोजित हुई। बैठक में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के सामने कांग्रेस जिलाध्यक्ष के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। महंत ने कहा कि, चमचों को जिलाध्यक्ष नियंत्रण में रखे ये सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बना रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष महंत के इस बयान पर बीजेपी ने आड़े हाथ लिया। कांग्रेस के कुछ नेता भी नाराज हो गए। इन सब नाराजगी को छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट से मुलाकात के दौरान शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

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