बिलासपुर। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ सकती है। उनके निष्कासन की मांग उठने लगी है. जिला कांग्रेस कमेटी ने पीसीसी चीफ को पत्र लिखकर अटल श्रीवास्तव के निष्कासन का प्रस्ताव भेजा है. प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र में कांग्रेस के शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्षों ने मिलकर हस्ताक्षर किये हैं. दरअसल अटल श्रीवास्तव ने अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष को कथित रुप से चपरासी कहकर संबोधित किया था.
आरोप है कि विधायक अटल श्रीवास्तव ने ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी को पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के सामने जलील किया और उन्हें चपरासी तक कह दिया. पत्र में लिखा गया है कि 17 फरवरी को टीएस सिंहदेव बिलासपुर में थे. वो कांग्रेस के संयुक्त सचिव पंकज सिंह के आवास पर पहुंचे, तो कई कांग्रेसी उनसे मिलने पहुंच गये.
बताया जा रहा है कि इस दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशवानी पर सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए कहा कि तुमने मेरे सीने में छुरा घोपा है. साथ ही उन्होंने मीडिया में बयान दिया कि “चपरासी कलेक्टर को निकल रहे है. ये बातें अटल श्रीवास्तव ने नगर निगम व पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी के आधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघात एवं खुल्लाघात करने वाली को निष्कासित किये जाने को लेकर कहा था.
पत्र में कहा गया है कि टीएस सिंहदेव के समक्ष अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष (ग्रामीण) के प्रति जनप्रतिनिधि की तरफ से टिप्पणी करना और संगठन के जिला प्रमुख को चपरासी कहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह संगठन की अवमानना एवं अनुशासन हीनता की दायरे में आता है. बिलासपुर नगर निगम चुनाव 2025 में विभिन्न वार्डों में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव अपने समर्थको को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन उनके पसंद के प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया गया.
जिसके बाद कई बागियों पर पार्टी ने कार्रवाई की. जिलाध्यक्षों ने पार्टी के नियमानुसार ही कार्यवाही की है, परन्तु इस कार्यवाही को कोटा विधायक द्वारा व्यक्तिगत, द्वेषपूर्ण व जानबूझकर किये जाने की मंशा से मीडिया में चपरासी वाला बयान दिया गया. अब कांग्रेस के शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष को अटल श्रीवास्तव के निष्कासन की अनुशंसा भेजी है.