केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरुवार को कोच्चि के मुनंबम क्षेत्र का दौरा करने के बाद मीडिया बातचीत में वक्फ बोर्ड के दावों को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने वक्फ बोर्ड के दावों के जरिए गरीब किसानों और आम लोगों की जमीनों को हथियाने के प्रयासों के पीछे “शक्तिशाली भूमि माफिया” का हाथ होने का आरोप लगाया.
करंदलाजे ने इस मुद्दे को “जमीन जिहाद” करार देते हुए बताया कि किस तरह ये माफिया किसानों की जमीनों को वक्फ संपत्तियों में बदलने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि 1954 में जब वक्फ अधिनियम पारित हुआ था, तब वक्फ बोर्ड के पास देशभर में मात्र 10,000 एकड़ भूमि थी, लेकिन आज वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी बन चुका है, जिसके पास 38 लाख एकड़ भूमि है. करंदलाजे ने सवाल उठाया “यह सारी भूमि कहां से आई?”
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री शोभा करंदलाजे ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि वे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष उनकी शिकायतें प्रस्तुत करेंगी.
मुनंबम में 600 परिवार कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में लगभग 600 परिवार, जो पिछले कई दशकों से इस भूमि पर रह रहे हैं, वक्फ के दावों का विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इस भूमि का स्वामित्व उनके पास 2019 तक था और अब इसे वक्फ बोर्ड का बताकर हड़पने की कोशिश की जा रही है. करंदलाजे ने कहा, “इस भूमि को 2019 से पहले की स्थिति के अनुसार इन परिवारों को लौटाया जाना चाहिए.”
देशभर में बढ़ रही वक्फ की भूमि पर कब्जे की घटनाएं
करंदलाजे ने आरोप लगाया कि ऐसे मामले पूरे देश में बढ़ रहे हैं, जहां पहले जिन जमीनों के मालिक किसानों और आम लोगों के नाम पर दर्ज थे, अब उन पर वक्फ बोर्ड दावा ठोक रहा है. उन्होंने विशेष रूप से कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ 29,000 एकड़ भूमि मुस्लिम नेताओं के अधिकार में आ गई है.
चेराई और मुनंबम के निवासियों का आरोप: वक्फ बोर्ड कर रहा है अवैध कब्जा
मुनंबम और चेराई के निवासियों का कहना है कि उनके पास पंजीकृत दस्तावेज और जमीन का कर भुगतान प्रमाण है, इसके बावजूद वक्फ बोर्ड उनके भूमि और संपत्तियों पर अवैध रूप से दावा कर रहा है. यह आरोप लगाया गया है कि वक्फ बोर्ड ने बिना किसी वैध कारण के इस भूमि पर अपना अधिकार जमा लिया है और इसे धार्मिक संपत्ति घोषित कर दिया है.
इस मुद्दे पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. लेकिन इन आश्वासनों के बावजूद, मुनंबम भूमि संरक्षण समिति द्वारा चलाया जा रहा भूख हड़ताल गुरुवार को अपने 33वें दिन में प्रवेश कर गया है.
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 से उम्मीदें
करंदलाजे ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के लागू होने के बाद यह मुद्दा हल हो जाएगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह विधेयक न केवल इस प्रकार के भूमि विवादों को समाप्त करने में सहायक होगा, बल्कि भूमि माफिया द्वारा किए जा रहे अन्याय का भी समाधान करेगा.
करंदलाजे ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और गरीब किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे संघर्ष में धैर्य बनाए रखें और सरकार पर भरोसा रखें.