अगर आप बिना जरूरत मोबाइल में 2 सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। मतलब एक सिम का डिएक्टिव मोड में रखते हैं, तो ऐसे सिम कार्ड पर चार्ज देना पड़ सकता है। यह चार्ज एकमुश्क या फिर सालाना आधार पर लिया जा सकता है। ट्राई की ओर से मोबाइल ऑपरेटर से मोबाइल फोन या लैंडलाइन के नंबर के लिए चार्ज लेने का प्लान बनाया गया है। ऐसे में मोबाइल ऑपरेटर इस चार्ज को यूजर्स से वसूल सकते हैं।
टेलिकॉम कंपनियों से वसूला जा सकता है चार्ज
ट्राई की मानें, तो मोबाइल ऑपरेटर अपना यूजरेबस न खोने की वजह से ऐसे सिम कार्ड को बंद नहीं कर रहा है, जो लंबे वक्त से एक्टिव मोड में नहीं है। जबकि नियमों के मुताबिक अगर किसी सिम कार्ड को ज्यादा वक्त तक रिचार्ज नहीं कराया जाता है, तो उसे ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान है। ऐसे में ट्राई की ओर से मोबाइल ऑपरेटर पर जुर्माना लगाए जाने का प्लान बनाया गया है, जिसका बोझ टेलिकॉम कंपनियां आम यूजर्स पर डाला सकती हैं।
क्यों वसूला जा रहा चार्ज?
ET की रिपोर्ट की मानें, तो दरअसल देश मोबाइल नंबर कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ज्यादातर मोबाइल यूजर्स स्मार्टफोन में दो सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसमें एक एक्टिव मोड में रहता है, जबकि दूसरे का इस्तेमाल बेहद सीमित रहता है। या फिर इनएक्टिव रहता है। साथ ही कुछ यूजर्स एक से ज्यादा मोबाइल सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में मोबाइल नंबर पर चार्ज वसूलने का प्लान बनाया गया है।
19 फीसद मोबाइल नंबर हैं बेकार
ट्राई के आंकड़ों की मानें, तो मौजूदा वक्त में 219.14 मिलियन से ज्यादा मोबाइल नंबर ब्लैकलिस्ट करने की कैटेगरी में शामिल हैं, जो लंबे वक्त से एक्टिव नहीं है। यह कुल मोबाइल नंबर का करीब 19 फीसद है, जो एक बड़ी समस्या है। बता दें कि सरकार के पास मोबाइल नंबर स्पेसिंग का अधिकार है। सरकार ही मोबाइल ऑपरेटर को मोबाइल नंबर सीरीज जारी करती है। ट्राई का कहना है कि मोबाइल नंबर एक सीमित मात्र में मौजूद हैं। ऐसे में उसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
किन देशों में मोबाइल नंबर के लिए वसूला जाता है चार्ज
ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, फिनलैंड, यूके, लिथुआनिया, ग्रीस, हांगकांग, बुल्गारिया, कुवैत, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क जैसे देश में मोबाइल नंबर के लिए टेलिकॉम कंपनियां चार्ज वसूलती हैं।
प्रीमियम नंबर को हो सकती है नीलामी
इसके अलावा प्रीमियम मोबाइल नंबर को 50 हजार रुपये तक की नीलामी में रखा जा सकता है। यह ठीक वैसे ही होगा, जैसे ऑटोमिटिव इंडस्ट्री में मोबाइल नंबर प्लेट की नीलामी की जाती है। टेलीकॉम कंपनियां ग्राहक को 100 से 300 नंबर को सेलेक्ट करने का ऑप्शन दे सकती है।