चंदौली : डीडीयू नगर में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी एसोसिएशन के तत्वावधान में अंबेडकर माह के पहले दिन ‘रन फॉर अंबेडकर’ नाम से एक भव्य जुलूस निकाला गया. यह मार्च दामोदर दास पोखरे से शुरू होकर चकिया त्रिमुहानी स्थित गणजी प्रसाद जी की प्रतिमा तक पहुंचा.
संविधान और सामाजिक न्याय का संदेश
इस विशाल जुलूस में शामिल लोगों ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को दर्शाने वाले नारों की तख्तियां थाम रखी थीं. युवा वर्ग विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा, जो अंबेडकर की तस्वीरों वाले टी-शर्ट पहने, हाथों में पंचशील और नीले झंडे लिए उत्साहपूर्वक नारे लगा रहे थे. अन्य प्रतिभागी नीले पट्टे और टोपी पहनकर संविधान व सामाजिक न्याय के समर्थन में आगे बढ़ रहे थे.
एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र कुमार ने बताया कि यह मार्च तथागत बुद्ध और बाबा साहब के विचारों – समानता, स्वतंत्रता, न्याय, बंधुत्व, करुणा, अहिंसा और शील की भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य संविधान में निहित प्रतिनिधित्व, समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक एकता की स्थापना को बढ़ावा देना है.
चकिया तिराहे पर पहुंचने के बाद यह जुलूस एक जनसभा में तब्दील हो गया, जहां विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे. मुख्य वक्ता अबाजका के राष्ट्रीय अध्यक्ष बुद्धमित्र मुसाफिर ने कहा, “डॉ. अंबेडकर ऐसे महापुरुष हैं जिनकी जयंती केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मनाई जाती है. उन्होंने समाज के सभी कमजोर वर्गों, खासतौर पर महिलाओं और वंचित समुदायों के उत्थान के लिए कार्य किया.”
विशिष्ट वक्ता दिनेश चंद्रा ने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन किए और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया. उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान की रक्षा करें और उसमें निहित सामाजिक न्याय व समानता के सिद्धांतों का पालन करें.”
इस अवसर पर डॉ. रवि, विनोद, जयप्रकाश, डॉ. सुरेश अकेला, संजीत भारती, एडवोकेट रामकृत, प्रमोद, संतोष, अरविंद, मदन मुरारी, राजू सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे. अंत में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया.