जशपुर की ग्रामीण बेटियों ने रचा इतिहास, 100 में से 43 पद किए अपने नाम…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत संचालित नवसंकल्प शिक्षण संस्था ने एक बार फिर उत्कृष्ट उपलब्धि दर्ज की है। संस्था की 45 छात्राओं का चयन गृह रक्षक (होम गार्ड) के पद पर हुआ है। इन चयनित छात्राओं ने नवसंकल्प के पुलिस बैच में आवासीय व्यवस्था के साथ नियमित प्रशिक्षण प्राप्त किया था। विशेष उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में होम गार्ड के कुल 100 पदों में से 43 पदों पर नवसंकल्प की छात्राओं का चयन हुआ, जबकि 2 छात्राओं ने अन्य जिलों के लिए चयन प्राप्त किया।

नवसंकल्प शिक्षण संस्थान के अनुसार, गृह रक्षक भर्ती हेतु शारीरिक परीक्षा सितम्बर 2024 में संभागीय मुख्यालय अंबिकापुर में आयोजित की गई थी। इसमें सफल अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा व्यापम द्वारा 22 जून 2025 को ली गई। परीक्षा का परिणाम एवं मेरिट सूची 9 अगस्त 2025 को जारी हुई, जिसमें नवसंकल्प की 45 छात्राओं ने सफलता का परचम लहराया। छात्राओं की शारीरिक तैयारी में जशपुर पुलिस का विशेष सहयोग रहा तथा रक्षित ग्राउंड में नियमित अभ्यास कराया गया। वहीं, लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन कक्षाएं, टेस्ट सीरीज़ एवं करंट अफेयर्स मैगज़ीन उपलब्ध कराई गई।

संस्थान की छात्रा नमिता बड़ा ने सरगुजा संभाग में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने का गौरव हासिल किया। दुलदुला निवासी नमिता ने शारीरिक परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक तथा लिखित परीक्षा में 77 अंक प्राप्त कर कुल 177 अंक अर्जित किए।

पत्थलगाँव विकासखण्ड की कुमारी रूपा पैंकरा ने कहा— “मुझे नौकरी करने की गहरी इच्छा थी, लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा था। नवसंकल्प के बारे में जानकारी मिली तो उम्मीद जगी। यहाँ आकर मैंने पहली बार फिजिकल ट्रेनिंग और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। जब चयन की खबर मिली तो मेरे घर में जैसे खुशी का माहौल बन गया। यह मेरे परिवार की पहली सरकारी नौकरी है और मैं चाहती हूँ कि मेरे गाँव की और भी लड़कियाँ इस तरह आगे बढ़ें।”

कुमारी सविता भगत ने अनुभव साझा करते हुए कहा— “नवसंकल्प ने हमें जो सुविधाएँ दीं, यदि इन्हें बाहर जाकर लेना पड़ता तो बहुत अधिक खर्च होता। यहाँ हमें निःशुल्क पढ़ाई, हॉस्टल, भोजन और फिजिकल ट्रेनिंग मिली। प्रतिदिन का अभ्यास, टेस्ट और मोटिवेशन क्लास ने हमें लक्ष्य के करीब पहुँचाया।”

कांसाबेल विकासखण्ड की आराधना पैंकरा ने भावुक होकर कहा— “मेरी माँ नहीं है और मैं बचपन से दादा-दादी के साथ रहती हूँ। आर्थिक और पारिवारिक कठिनाइयाँ हमेशा रही हैं, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। नवसंकल्प में आने के बाद लगा कि मेरे सपनों को पंख मिल गए हैं। यहाँ न केवल पढ़ाई और प्रशिक्षण मिला, बल्कि यह विश्वास भी मिला कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता संभव है। आज जब दादा-दादी की आँखों में खुशी के आँसू देखती हूँ, तो लगता है मेरी मेहनत रंग लाई। मैं मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय, जिला प्रशासन और शिक्षकों का आभार व्यक्त करती हूँ, जिन्होंने हमें यह अवसर प्रदान किया।”

जिला प्रशासन जशपुर की यह पहल ग्रामीण छात्राओं के लिए न केवल अवसरों के द्वार खोल रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और सरकारी सेवा में योगदान देने का सुनहरा अवसर भी प्रदान कर रही है।

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