रूस-यूक्रेन के बीच जंग तीन सालों के बाद निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. यूक्रेन की ओर से रविवार को रूस के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया और जमीन पर मौजूद 41 रूसी बमवर्षक विमानों को तबाह कर दिया. यूक्रेन की ओर से किया गया ये हमला 2022 से अब तक सबसे घातक रहा, जिसमें रूस को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा हो. ये हमला दोनों देशों के बीच होने वाले शांति वार्ता के ठीक एक दिन पहले किया गया.
रूस-यूक्रेन तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल में दोनों देश के अधिकारी 2022 के बाद से सोमवार को अपनी दूसरे दौर की शांति वार्ता के लिए बातचीत करने वाले हैं. हालांकि, ऐसा लग नहीं रहा है कि दोनों देश किसी समझौते के करीब हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह शांति के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं. यूरोप महाद्वीप में स्थित लिथुआनिया में नाटो देशों की नेताओं की बैठक में जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने के लिए तैयार हैं. हालांकि, अगर रूस इस्तांबुल में होने वाली बातचीत को कमजोर करता और कोई नतीजा नहीं निकलता है तो उसपर नए प्रतिबंधों को लगाए जाने की तत्काल जरूरत है.
जेलेंस्की बोले – बड़े पैमाने पर रूसी विमान नष्ट किए गए हैं, जिससे रूस को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. रूस को यह समझ में आ जाएगा कि उसे युद्ध में भारी नुकसान हो रहा है, तभी वह शांति और समझौते की तरफ बढ़ेगा. यही बात उसे कूटनीति की ओर धकेलेगी.
उन्होंने कहा कि शांति की शुरुआत सीजफायर, मानवीय मदद, कैदियों की रिहाई और अगवा किए गए बच्चों की वापसी से होनी चाहिए. अगर रूस इन बातों को नकार देता है तो उसपर अधिक प्रतिबंध लगाने की जरूरत है.
जेलेंस्की ने क्या मांग की?
जेलेंस्की की मांग है कि रूस अगर शांति वार्ता पर बातें नहीं मानता है तो उसपर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से किए गए वादे के अनुसार सख्त प्रतिबंध लगाने की जरूरत है.
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