अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्पेस स्टेशन के बाहरी हिस्सों पर किसी तरह की कवच (Shield) लगाया गया हो. पिछले हफ्ते रूस का एक पुराना सैटेलाइट स्पेस में फट गया. उसका कचरा तेजी से चीन के स्पेस स्टेशन तियानगॉन्ग आ रहा था.
कचरा टकराता इससे पहले चीन ने स्पेस स्टेशन के चारों तरफ कवच लगा दिया. इस काम को चीन के शेनझोऊ-18 मिशन के दो एस्ट्रोनॉट्स ने किया. दोनों चीनी एस्ट्रोनॉट्स ने साढ़े छह घंटे स्पेसवॉक करके स्पेस स्टेशन के चारों तरफ शील्ड लगाई.
चीन के स्पेस स्टेशन के चारों तरफ आर्मर लगाया गया है. ताकि छोटा-मोटा कचरा टकराए भी तो ज्यादा नुकसान न हो. चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के साइंटिस्ट लियु मिंग ने कहा कि स्पेसवॉक का पहला काम ही यही था कि हम स्पेस स्टेशन के चारों तरफ प्रोटेक्टिव डिवाइसेस लगा सकें. ताकि केबल्स, पाइपलाइन्स सुरक्षित रहें.
अमेरिकी स्पेस कमांड ने बताया कि 26 जून को रूस का पुराना बेकार अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट Resurs-P1 ऑर्बिट में ही फट गया. इसकी वजह से 100 से ज्यादा टुकड़े हुए. ये कचरा ट्रैक किया जा सकता है. तुरंत नासा को सूचना दी गई. क्योंकि इस समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर छह अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स मौजूद हैं.
नासा ने इसके लिए Safe Heaven प्रोसीजर शुरू किया ताकि स्पेस स्टेशन की तरफ आते कचरे से बचा जा सके. हालांकि ये नहीं पता कि अमेरिका ने चीन को इस खतरे के बारे में बताया या नहीं. लेकिन चीन को खबर कहीं से मिल गई. उसने तुरंत चीन के स्पेस स्टेशन से रोबोटिक आर्म के जरिए एस्ट्रोनॉट ये गुआंफू को कवच लगाने बाहर भेजा.
इसके बाद ये ने स्पेस स्टेशन के जरूरी बाहरी हिस्सों पर कवच लगाने का काम किया. इनकी मदद के लिए दूसरे एस्ट्रोनॉट ली गुआंगसू ने रोबोटिक आर्म और तियानहे कोर मॉड्यूल पर नजर रखी. कवच लगाने के बाद रोबोटिक आर्म की मदद से स्पेस स्टेशन की जांच की गई. इस पूरे काम में दोनों एस्ट्रोनॉट्स को साढ़े छह घंटे लगे.