रूस ने यूक्रेन पर साल का तीसरा सबसे बड़ा हवाई हमला किया है। बुधवार देर रात से गुरुवार सुबह तक चले इस हमले में रूसी सेना ने 570 से ज्यादा ड्रोन और 40 मिसाइलें यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों पर दागीं। इस हमले से कई शहरों में बिजली ठप हो गई और नागरिक बंकरों में शरण लेने को मजबूर हुए। कीव प्रशासन ने बताया कि इस हमले का सबसे ज्यादा असर लविव और वोलिन क्षेत्र में देखा गया, जहां दर्जनों इमारतें और औद्योगिक ढांचे ध्वस्त हो गए।
यूक्रेन की वायुसेना ने दावा किया कि उसने 400 से ज्यादा ड्रोन और करीब 25 मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर दिया। हालांकि, बची हुई मिसाइलों और ड्रोन से कई जगहों पर भारी तबाही हुई। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है, जबकि 120 से ज्यादा घायल हुए हैं।
हमले के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील करते हुए कहा कि रूस लगातार युद्ध को और भयावह बना रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों से अपील की कि यूक्रेन को और अधिक एयर डिफेंस सिस्टम और हथियार मुहैया कराए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से नागरिकों को बचाया जा सके।
दूसरी ओर, रूस ने इन हमलों को अपनी “सैन्य रणनीति” का हिस्सा बताया और कहा कि यह जवाबी कार्रवाई है। रूस का दावा है कि हाल ही में यूक्रेन ने सीमा क्षेत्रों पर हमले किए थे, जिसके जवाब में यह ऑपरेशन किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल बताता है कि रूस यूक्रेन को लगातार दबाव में रखने की रणनीति पर काम कर रहा है। वहीं, यूक्रेन को उम्मीद है कि नाटो और पश्चिमी देश इस बढ़ते खतरे के बीच उसे और मजबूत सैन्य मदद देंगे।