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‘सबका साथ, सबका विकास बीजेपी की आत्मा है’, शुभेंदु अधिकारी के बयान पर भड़के बीजेपी नेता जमाल सिद्दीकी

भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने शुभेंदु अधिकारी की आलोचना की है. अधिकारी ने कहा था कि बीजेपी को अब ‘सबका साथ, सबका विकास’ के बजाय ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’ कहना चाहिए.

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‘हम सिर्फ प्रचार के दौरान राजनीति करते हैं’

सिद्दीकी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ बीजेपी की आत्मा है. ‘मुझे लगता है कि उन्होंने यह बयान हताशा में दिया है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ बीजेपी की आत्मा है. हम यहां सत्ता के लिए नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करने को आए हैं.’

सिद्दीकी ने कहा, ‘हमारी विचारधारा ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’ के पूरी तरह खिलाफ है. प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा कहा है कि हम सिर्फ प्रचार के दौरान राजनीति करते हैं. लेकिन नतीजों के बाद हमारा एकमात्र उद्देश्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ होता है.’

क्या बोले शुभेंदु अधिकारी?

पश्चिम बंगाल बीजेपी कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए बुधवार को शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी और आपने भी कहा था ‘सबका साथ, सबका विकास’. लेकिन मैं अब ये नहीं कहूंगा, बल्कि अब हम कहेंगे ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’. हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र का सच्ची भावना से पालन करते हैं.

‘विकसित भारत के लिए सबको साथ लेना जरूरी’

महाराष्ट्र से आने वाले जमाल सिद्दीकी ने कहा कि यह देखकर निराशा हुई कि मुसलमानों ने हमें वोट नहीं दिया, लेकिन विकसित भारत के लिए सभी को साथ लेना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘हमारी नीति हर किसी के लिए काम करने की है, भले ही कोई व्यक्ति किसी भी जाति, पंथ या धर्म का हो. हम एक मजबूत राष्ट्र तभी बन सकते हैं जब हम एकजुट होंगे. मुझे भी बुरा लगता है कि मुसलमानों ने हमें वोट नहीं दिया. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चुनाव में कुछ लोग यह कहकर जहर उगलते हैं कि मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए.’

‘अधिकारी को यह कहने का कोई अधिकार नहीं’

बीजेपी की बैठक के दौरान अधिकारी ने बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा को बंद करने का सुझाव दिया था. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘शुभेंदु अधिकारी को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है, वह शीर्ष नेतृत्व से ऊपर नहीं हैं.’ वह पार्टी में नए हैं और मुझे लगता है कि वह भाजपा की विचारधारा से प्रभावित नहीं हैं.

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