गोंडा : सबका साथ, सबका विकास” की बात करने वाली सरकार के दावों को ज़मीनी हकीकत ने शर्मिंदा कर दिया है. जिले के परसपुर ब्लॉक के हरदिहा रग्घुपुरवा गांव में मनरेगा योजना के तहत बनने वाली सड़क में खुलकर खेला गया भ्रष्टाचार का खेल
चकबंदी के बाद ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब उन्हें एक बेहतर रास्ता मिलेगा, लेकिन गांव के ही ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर सरकारी पैसे को लूट का अड्डा बना डाला. तीन मीटर की सड़क का प्रस्ताव था, लेकिन काम हुआ महज डेढ़ मीटर में. लेखपाल द्वारा सीमांकन के बाद तीन मीटर चौड़ी सड़क तय की गई थी, लेकिन मंगल गौतम के घर से जगदंबा के घर तक सिर्फ अधूरी और खतरनाक मिट्टी पटाई की गई। नतीजा – ग्रामीण साइकिल, बाइक से गिरकर घायल हो रहे हैं.
गांव में जब मीडिया की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.गांववाले बोले – “ये सड़क नहीं, धोखा है.चारों ओर कंटीली तार, बीच में मिट्टी का नाम की पटाई.बरसात में ये रास्ता बह जाएगा.”शिवकुमार, पवन कुमार, दिनेश कुमार, दिलीप कुमार, मंगल दत्त और राजकुमार जैसे दर्जनों ग्रामीणों ने डीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायतें दी हैं.लेकिन कार्रवाई तो दूर, सेक्रेटरी अब उन्हें धमकी दे रहे हैं – “बहुत नेता बन रहे हो, अब काम नहीं होगा.”
रास्ता ऐसा कि एंबुलेंस तो छोड़िए, चारपाई से लादकर मरीजों को कई किलोमीटर दूर ले जाना पड़ता है! गर्भवती महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक – सब इस सड़क की सजा भुगत रहे हैं
कैमरे पर बोले ग्रामीण
सरकारी पैसा डकार गए. कहां गई तीन मीटर की सड़क? यहां तो डेढ़ मीटर भी मुश्किल से मिल रही है.”अब सवाल ये है कि जब शिकायतें हो चुकी हैं, विरोध प्रदर्शन हो चुका है, मीडिया ने दिखा दिया है, तो प्रशासन क्या सिर्फ आंख मूंदकर सोता रहेगा? गोंडा के डीएम साहब, अब कुछ करिए! गांव चीख रहा है.