मालेगांव ब्लास्ट कांड से बरी होने के बाद भोपाल पहुंची पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि कौन कहता है आतंक का कोई रंग नहीं होता है, आतंक का हरा रंग होता है और धर्म भी होता है। उन्होंने कहा कि हरा रंग लेकर आतंकवाद फैलाते हैं। पहलगाम में कपड़े उतार कर जांच करके हिंदुओं को चुन चुनकर मारा गया।
कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय को साधने के लिए हिंदू आतंकवाद जैसा शब्द गढ़ा। कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद को स्थापित करने की पटकथा लिखी थी। कांग्रेस को खुश करने के लिए यह सब किया गया। कांग्रेस आतंकवादियों के लिए रोती है और हिंदुओं को प्रताड़ित करती है। हमारा हिंदू जाग चुका है, हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है।
साध्वी का हुआ स्वागत
रविवार को भोपाल पहुंचने पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का समर्थकों ने उनके आवास पर फूलमालाओं, ढोल-नगाड़ों और मिठाइयों के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर किए गए सवाल पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि दिग्विजय का नाम लेना भी खराब है। प्रज्ञा ने राजनीति में वापसी को लेकर कहा कि हम राष्ट्रनीति करते हैं, राजनीति नहीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके लोगों ने सेना, संतों और संघ को टारगेट किया गया। न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है, जिन लोगों ने हिंदू आतंकवाद का षड्यंत्र रचा ऐसे लोगों की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में उन्हें बरी करने वाला विशेष अदालत का फैसला हिंदुत्व की जीत है और भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ने वालों के मुंह पर तमाचा है।
मुझसे मोदी, योगी का नाम लेने को कहा, लेकिन मैं झुकी नहीं
साध्वी प्रज्ञा ने यह आरोप भी दोहराया कि जांचकर्ताओं ने मुझसे जबरन नरेन्द्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश जी का नाम लेने को कहा और अन्य कई बड़े नेताओं का नाम लेने के लिए कहा गया, दबाव डाला गया, लेकिन मैं किसी के दबाव में नहीं आई न झुकी, मैंने किसी का भी झूठा नाम नहीं लिया, इसलिए मुझे जांच के समय पुरुषों द्वारा प्रताड़ित किया गया।
मुझे प्रताड़ित करने वाले परमवीर सिंह निकृष्ट व्यक्ति है। उसने हर सीमा पार की और कानून से बाहर जाकर मुझे प्रताड़ना दी। मैं 24 दिनों तक पुलिस अभिरक्षा में रही। अकेले परमवीर सिंह ही नहीं पूरे एटीएस के अधिकारियों की प्रताड़ना मैं झेलती रही। एटीएस के अधिकारियों ने ऐसा भय बना रखा था कि मप्र और पूरे देश में कि कोई अपनी भावना व्यक्त ही नहीं कर पा रहा था। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें मारा पीटा उनके रिकार्ड भी गायब कर दिए। आज तक उनका पता नहीं।