सईद जलीली ईरान के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं. ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था, जिसकी काउंटिंग चल रही है. शुरुआती रुझान में सईद जलीली ने बड़ी बढ़त बना ली है. जलीली को एक करोड़ से अधिक वोट मिले हैं जबकि पेजेशकियन को 42 लाख वोट मिले हैं. संसद के कट्टरपंथी स्पीकर मोहम्मद बाघेर कलीबाफ को 13 लाख 80 हजार वोट मिले.
वहीं, शिया धर्मगुरु मुस्तफा पूरमोहम्मदी को करीब 80,000 वोट मिले हैं. पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक विमान हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद ईरान में राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है. ये चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को लेकर पश्चिम एशिया में व्यापक स्तर पर तनाव है और ईरान पिछले कई साल से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
जलीली ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई का करीबी
सईद जलीली को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि जलीली बड़े नेताओं में हैं और इस्लामिक क्रांति के बुनियादी उसूलों को लेकर वो प्रतिबद्ध है. परमाणु बम पर भी उनका रुख आक्रामक है.मतदाताओं को दो कट्टरपंथी उम्मीदवारों सईद जलीली और मोहम्मद बाघेर कलीबाफ तथा सुधारवादी के तौर पर पहचाने जाने वाले उम्मीदवार पेजेशकियन के बीच चयन करना है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए 80 लोगों ने किया था आवेदन
ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 80 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन बाद में सिर्फ 6 नामों पर ही मुहर लगी. वहीं मतदान से ठीक पहले दो उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया था. राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4 उम्मीदवार रेस में हैं. इसमें सईद जलीली, मसूद पेजेशकियन, मोहम्मद बाकर कालीबाफ, मुस्तफा पोरमोहम्मदी और सईद जलीली हैं.
उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना जरूरी
ईरान में 18 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 6.1 करोड़ वोटर्स हैं, जिनमें से लगभग 1.8 करोड़ लोगों की उम्र 18 से 30 साल के बीच है. चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल डाले गए वोटों में से 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलना जरूरी है. राष्ट्रपति चुनाव में भ्रष्टाचार, प्रेस की आजादी, हिजाब पर कानून जैसे कई अहम मुद्दे हैं, जिस पर चुनाव हुआ है.