डीडवाना-कुचामन: राजस्थान में सड़क सुरक्षा की दिशा में एक अनोखा कदम उठाते हुए डीडवाना-कुचामन जिले में “सेफ आई सेफ हाइवे” अभियान की शुरुआत की गई है. जिले के छापरी-दौलतपुरा टोल से इस अभियान की औपचारिक शुरुआत आज राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने की. इस मौके पर मंत्री ने इसे “जनजीवन की रक्षा करने वाला अभियान” करार देते हुए वादा किया कि वे इस नवाचार को पूरे प्रदेश में लागू करवाने के लिए सरकार से चर्चा करेंगे.
टोल पर निकलने से पहले अब होगी आंखों की जांच
अभियान की शुरुआत में टोल प्लाजा से गुजरने वाले सैकड़ों ट्रक और भारी वाहनों के चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. खासकर उनकी आंखों की रोशनी की जांच की गई और जिनकी नजर कमजोर पाई गई, उन्हें मौके पर ही निःशुल्क चश्मे प्रदान किए गए. इसके अलावा शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच कर आवश्यक दवाइयां और चिकित्सकीय परामर्श भी दिया गया. कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय सिंह चौधरी ने चिकित्सकीय जांच के बाद कमजोर नजर वाले वाहन चालकों को अपने हाथ से चश्मे पहनाएं.
इस मौके पर राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने कहा, कि “लंबी दूरी तक वाहन चलाने वाले चालक अक्सर अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे कई बार सड़क हादसों की संभावना बढ़ जाती है. नजर की कमजोरी, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसे रोग सीधे हादसों से जुड़े होते हैं, ऐसे में यह अभियान निश्चित तौर पर दुर्घटनाओं में कमी लाएगा.” उन्होंने कहा कि,“यह सिर्फ एक मेडिकल कैम्प नहीं, बल्कि जन-जीवन को बचाने का आंदोलन है.”
300 से ज्यादा चालकों की जांच, निःशुल्क बांटे गए चश्मे और दवाएं
डीडवाना-कुचामन के जिला कलेक्टर डॉक्टर महेंद्र खड़गावत ने बताया कि जिले में नेशनल और स्टेट हाईवे पर आए दिन हो रहे हादसों को देखते हुए ‘सेफ आई सेफ हाइवे’ अभियान की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया की “शुरुआत के दिन ही 300 से अधिक चालकों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें से कई को नजर और ब्लड प्रेशर की समस्या मिली. उन्हें मौके पर ही चश्मे और दवाइयां दी गई हैं. यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा.”
कलेक्टर ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत जिले के अलग-अलग टोल प्लाजा पर हर महीने तीन स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएंगे. इसमें पुलिस, परिवहन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त भागीदारी रहेगी. उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि यह अभियान निरंतर चला, तो जिले में सड़क हादसों में लगभग 25% तक की कमी संभव है.
पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया सड़क हादसे रोकने के अभियान का हिस्सा
जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने कहा कि यह अभियान पुलिस और प्रशासन की संयुक्त रणनीति का हिस्सा है. और “हम सड़क सुरक्षा के लिए एक विशेष कार्य योजना पर काम कर रहे हैं, जिसमें ब्लैक स्पॉट की पहचान, ट्रैफिक संकेतक, रिफ्लेक्टर और स्वास्थ्य जांच शिविर जैसे कदम शामिल हैं. यह अभियान उसी योजना का हिस्सा है, जो सीधे सड़क हादसों में कमी लाने की दिशा में काम कर रहा है.”
चालकों को राहत: फ्री में जांच, दवा और चश्मा
शिविर में भाग लेने वाले चालकों ने इसे बेहद उपयोगी और राहत भरा बताया. पंजाब के निवासी ट्रेलर चालक हरजिंदर सिंह ने कहा, कि “हम लोग दिन-रात वाहन चलाते हैं, ऐसे में डॉक्टर के पास जाना मुश्किल होता है. यहां आकर पता चला कि मेरा बीपी ज्यादा है और आंखों की रोशनी भी कम है. आज मुझे चश्मा और दवाइयां फ्री में मिलीं. मैं चाहता हूं कि ऐसा शिविर देश के हर टोल प्लाजा पर लगे.”
वहीं ट्रक चालक रमेश कुमार ने बताया कि, “ज्यादातर ट्रक ड्राइवर लंबी दूरी की यात्रा में लगे रहते हैं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते. ऐसे में यह शिविर आंखों, शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच के लिए जरूरी है। इससे हादसों में कमी जरूर आएगी.”
डीडवाना-कुचामन जिले में शुरू हुआ यह “सेफ आई सेफ हाइवे” अभियान न केवल एक स्वास्थ्य पहल है, बल्कि यह सीधे-सीधे सड़क सुरक्षा से जुड़ा एक जन-संवेदनशील मिशन बन चुका है. यदि यह प्रदेशभर में लागू होता है, तो राजस्थान को सड़क हादसों से मुक्त बनाने की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित हो सकता है. सड़क सुरक्षा को लेकर यह पहला ऐसा अभियान है जिसमें सिर्फ चालकों को दोषी नहीं ठहराया गया, बल्कि उनकी परेशानियों को समझते हुए, राहत, स्वास्थ्य और सुरक्षा का एक ऐसा मॉडल खड़ा किया गया है जो आने वाले समय में देशभर में नजीर बन सकता है.
ये रहे मौजूद
सेफ आई सेफ हाइवे अभियान की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता जीतेन्द्र सिंह जोधा, पवन टाक, जिला परिवहन अधिकारी सुप्रिया विश्नोई, CMHO डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, रिस्कोर के प्रभारी जीतेंद्र सिंह, परिवहन निरीक्षक गणपत राम,सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ वाहन चालक और स्थानीय निवासी मौजूद रहे.