सागर कलेक्टर की सराहनीय पहल, मिशन शतरंज के अंतर्गत स्कूली बच्चों को सिखाया जाएगा शतरंज…

मध्य प्रदेश के सागर जिले में मिशन शतरंज के अंतर्गत स्कूली बच्चों को शतरंज सीखने के लिए सभी शासकीय विद्यालयों में प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे. शतरंज बच्चों के मानसिक विकास, एकाग्रता, याददाश्त बढ़ाने के लिए सहायक होगा. उक्त विचार सागर कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने जिला चैस एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा के दौरान व्यक्त किए.

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इस अवसर पर जिला चैस संगठन के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा, सचिव नितिन चौरसिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि सागर में स्कूली छात्र-छात्राओं को शतरंज (Chess) सिखाने के लिये “मिशन शतरंज” प्रारंभ किया जाएगा, उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु विभिन्न गतिविधियां जिले के विद्यालयों में आयोजित की जाएगी.

जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जिले के प्रत्येक स्कूल में कम से कम 1 शिक्षक को शतरंज का प्रशिक्षण दिया जाएगा, शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदाय करने हेतु जिला स्तर पर 1 प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएंगे, प्रशिक्षित शिक्षक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को शतरंज सिखाने हेतु आवश्यकतानुसार 1 क्लास से आयोजित करें, जिला खेल अधिकारी आवश्यकतानुसार Foldable Roll-up Chess Matt क्रय कर विद्यालयों को उपलब्ध करावें।
प्रत्येक वर्ष विद्यालय स्तर, विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तर पर शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन करें, जिला स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं को राज्य स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में भेजा जावे.

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि प्रथमतः जिले के 5 स्कूलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित कर शतरंज की शिक्षा प्रारंभ की जाएगी, तदुपरांत जिले के प्रत्येक स्कूल में “मिशन शतरंज” अंतर्गत शतरंज शिक्षा प्रदाय किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी. कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने बताया कि स्कूली छात्राओं के लिए शतरंज सीखना एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह उनके मानसिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

शतरंज सीखने से छात्र छात्राओं में कौशलों में सुधार हो सकता है. शतरंज जटिल सोच का अभ्यास करने और वास्तविक समय में इसके परिणामों को देखने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है, जिससे गणित और पढ़ने के कौशल में सुधार होता है शतरंज खेलने से छात्राओं में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है, जिससे वे अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं. शतरंज विभिन्न चीजों के बीच संबंध बनाने की क्षमता पर निर्भर करती है, जिससे छात्राओं में जटिल सोच विकसित होती है.

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