इमरान हाशमी की फिल्म गैंगस्टर के फेमस ‘या अली’ गाकर युवाओं के बीच नाम बनाने वाले सिंगर जुबिन गर्ग का निधन हो गया है. जुबिन असम के लेजेंडरी गायक थे. जानकारी के मुताबिक, सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबिन हादसे का शिकार हुए, जिसके चलते उनकी जान गई. जुबिन गर्ग के यूं अचानक दुनिया छोड़ जाने से इंडस्ट्री में शोक पसर गया है. साथ ही फैंस के बीच भी शोक की लहर दौड़ गई है. चाहनेवाले अपने फेवरेट सिंगर को याद कर आंसू बहा रहे हैं.
स्कूबा डाइविंग हादसे में गई जुबिन गर्ग की जान
रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर पुलिस ने उन्हें समुद्र से बचाया और नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया. इंटेनसिव मेडिकल केयर मिलने के बावजूद, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. जुबिन, सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने गए थे, जहां उनके आज परफॉर्म करने की योजना थी. असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और भारत के विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिट को जुबिन गर्ग के निधन की खबर दे दी गई है. 19 से 20 सितंबर तक के बीच सिंगर का पार्थिव शरीर सिंगापुर से असम लाया जा सकता है. असम में उनका अंतिम संस्कार होगा.
लोक सभा के सदस्य और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट कर जुबिन गर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उनकी अचानक मौत ने प्रशंसकों और पूरे असमिया समुदाय को स्तब्ध कर दिया है, जिससे भारत की म्यूजिक इंडस्ट्री में एक गहरा खालीपन छूट गया है. असम, नॉर्थ ईस्ट समेत देशभर के फैंस अपने सबसे प्रिय कलाकारों में से एक जुबिन गर्ग के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं. कई यूजर्स ने उन्हें श्रद्धांजलि और संवेदनाएं भेज रहे हैं.
कौन थे जुबिन गर्ग?
जुबिन गर्ग, भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री का अहम हिस्सा थे. उन्होंने अपने करियर में असमी, बंगाली और हिंदी भाषा की फिल्मों और म्यूजिक इंडस्ट्री में काम किया. उन्होंने इन तीन के अलावा 40 और भाषों में गाने गाए थे. इसमें कन्नड़, नेपाली, ओड़िया, सिन्धी, संस्कृत, खासी, मणिपुरी और इंग्लिश भाषाएं शामिल थे.
जुबिन गर्ग का जन्म मेघालय के तुरा राज्य में एक असमी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. उनका नाम म्यूजिक कम्पोजर जुबिन मेहता के नाम पर रखा गया था. उनके पिता मोहिनी बोरठकुर एक मैजिस्ट्रेट थे और मां ईली बोरठकुर सिंगर थीं. उनकी एक बहन थीं, जिनका नाम जोगकी बोरठाकुर एक एक्ट्रेस हुआ करती थीं. उनका निधन साल 2002 में एक कार एक्सीडेंट के दौरान हो गया था. गर्ग ने 2002 में ही फैशन डिजाइनर गरिमा सैकिआ से शादी की थी.
करियर में बनाए कई कीर्तिमान
1992 में जुबिन गर्ग प्रोफेशनल सिंगर बने थे. उन्हें अपनी वेस्टर्न सोलो परफॉरमेंस के लिए गोल्ड मेडल मिला था. नवंबर 1992 में उन्होंने अपनी पहली असमी एल्बम ‘अनामिका’ रिलीज कर म्यूजिक इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. ‘तुमि जुनु पारिबा हुन’ उनका रिकॉर्ड किया पहला गाना था. 1995 में जुबिन गर्ग मुंबई गए थे, जहां उन्होंने बॉलीवुड में अपने काम की शुरुआत की. यहां उन्होंने अपनी पहली इंडिपॉप सोलो एल्बम ‘चांदनी रात’ से डेब्यू किया था. बाद में उन्होंने ‘चंदा’, ‘गद्दार’, ‘दिल से’, ‘डोली सजा के रखना’, ‘फिजा’, ‘कांटे’, ‘जाल’ जैसी फिल्मों में गाने गाए.
इमरान हाशमी की फिल्म ‘गैंगस्टर’ के लिए जुबिन गर्ग ने ‘या अली’ गाना गाया था, जो उनका सबसे बड़ा सॉन्ग बना. इसके चलते उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में नेम और फेम मिला था. साल 2006 में हुए ग्लोबल इंडिया फिल्म अवॉर्ड्स में उन्हें इस गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला था. गर्ग की दूसरी हिंदी एल्बम ‘जिंदगी’ थी. सिंगिंग के अलावा जुबिन गर्ग सोशल वर्क से भी जुड़े थे. साथ ही उन्होंने विवादों में भी जगह बनाई थी. जुबिन गर्ग का दुनिया से जाना म्यूजिक इंडस्ट्री का बड़ा नुकसान है.