उत्तर प्रदेश: सहारनपुर की मुस्लिम बहुल आबादी में स्थित प्राचीन कोटेश्वर महादेव मंदिर में इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान खास आयोजन किया जा रहा है. कांवड़िए भगवान शिव का जलाभिषेक इस बार एक विशेष स्वर्ण कलश से करेंगे. जलाभिषेक के दौरान सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षा के सख्त इंतजाम रहेंगे. प्राचीन सिद्धपीठ कोटेश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक अमित पंडित ने बताया कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है और इसका निर्माण मराठा शासनकाल के दौरान हुआ था. जब दिल्ली पर मराठाओं का शासन था.
उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर की ऐतिहासिकता की पुष्टि के लिए जांच की जा रही है. हाल ही में मंदिर प्रांगण में हुई कुएं की खुदाई के दौरान कुछ प्राचीन मूर्तियाँ भी प्राप्त हुईं, जिसकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेजी गई है. मंदिर की स्थापत्य शैली नगर शैली की है, जिसमें तहखाने और शिखर के भीतर भी कमरे बने हुए हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं. यह मंदिर वर्ष 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के प्रयासों से जनता के लिए खोला गया, जिसके बाद से नियमित रूप से पूजा-अर्चना हो रही है.
इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान मंदिर समिति द्वारा ढाई सौ ग्राम वजन का एक स्वर्ण कलश मंगवाया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 25 लाख रुपये है. इस स्वर्ण कलश के माध्यम से शिवभक्त कांवड़िए भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे. कांवड़ियों के ठहरने और भोजन की भी विशेष व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा की गई है. पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के दृष्टिगत मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो.
व्यवस्थापक अमित पंडित ने बताया कि इस पावन अवसर पर स्वर्ण कलश से भगवान शिव का जलाभिषेक हमारे लिए सौभाग्य की बात है. इससे कांवड़ियों को एक अद्वितीय अनुभव मिलेगा और हमारी समिति के लिए यह कार्य एक तीर्थ सेवा के समान होगा.