सहारनपुर : कोर्ट ने 13 साल पुराने हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही, कोर्ट ने प्रत्येक अभियुक्त पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
इस हत्याकांड में चार अन्य अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-11 की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर यह सजा सुनाई है. एडीजीसी अमित त्यागी के अनुसार के अनुसार, हरिद्वार निवासी अनवरी ने 1 सितंबर 2012 को अपने बेटे जफर की हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
थाना गागलहेड़ी पुलिस ने अनवरी की तहरीर के आधार पर नसीम, तसव्वर, नफीस, हनीफा, गुलाम, शमशुद्दीन, गुलशेर, शमशेर और गुलाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. अनवरी के अनुसार, उनका बेटा जफर विधायक फुरकान के मकान में अपने परिवार के साथ रहता था. 24 अगस्त 2012 की रात करीब 9 बजे शमशुद्दीन, गुलाम, शमशेर और गुलशेर जफर के पास पहुंचे और उससे अपनी टाटा-407 गाड़ी किराए पर लेकर गागलहेड़ी जाने की बात कही.
उन्होंने पूरा किराया देने का वादा किया और कहा कि वे सुबह तक लौट आएंगे. लेकिन जब सुबह तक जफर वापस नहीं आया, तो उसकी तलाश शुरू की गई. परिजनों ने शमशुद्दीन आदि के घर जाकर देखा, लेकिन वहां ताला लगा मिला. इसके बाद, 30 अगस्त को जफर की तलाश में सहारनपुर के गागलहेड़ी पहुंचे, जहां जानकारी मिली कि बलियाखेड़ी के जंगल में एक शव मिला है.
जब पुलिस को सूचना दी गई, तो मौके पर पहुंचकर पुलिस ने पुष्टि की कि शव जफर का ही था. पुलिस के अनुसार, उसकी हत्या धारदार हथियार से गला काटकर की गई थी. साथ ही, उसकी गाड़ी चुड़ियाला रेलवे स्टेशन के पास बरामद हुई.
एडीजीसी अमित त्यागी के अनुसार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-11 की कोर्ट ने मामले में नसीम, तसव्वर, नफीस और हनीफा को हत्या का दोषी करार दिया. कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया.