सहारनपुर: मां शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला बनी आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल, गोबर से बना पेंट देशभर में चर्चा

Uttar Pradesh: सहारनपुर में स्थित मां शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला अब केवल आवारा गोवंश को संरक्षण देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी है. नगर निगम द्वारा संचालित इस गौशाला में फिलहाल 586 गोवंश संरक्षित हैं. यहां के गोबर और गोमूत्र से बने जैविक उत्पादों को देशभर में ऑनलाइन और ऑफलाइन बेचा जा रहा है.

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अब इस गौशाला ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भर भारत मिशन को नई दिशा दी है. यहां गोबर से प्राकृतिक पेंट तैयार किया जा रहा है.

गौशाला में निर्मित यह गोबर आधारित पेंट न केवल देशभर में चर्चा का विषय बना, बल्कि स्मार्ट इंडिया एक्सपो में इसे पुरस्कार भी मिल चुका है. यह पेंट पूरी तरह प्राकृतिक है, जिसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और थर्मोरेगुलेशन जैसे गुण मौजूद हैं. इसकी खास बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का हेवी मेटल नहीं होता, जिससे यह पेंट स्वास्थ्य और पर्यावरण—दोनों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पारंपरिक पेंट की तुलना में सस्ता भी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी भवनों में गोबर से बने इस प्राकृतिक पेंट के उपयोग को प्रोत्साहित किया है.

सहारनपुर नगर निगम ने आदेश जारी किया है कि नगर के सभी शासकीय भवनों की रंगाई अब इसी प्राकृतिक पेंट से की जाएगी। इसके अलावा, देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ग्रीन बिल्डिंग मॉडल में भी इस पेंट के उपयोग का प्रस्ताव भेजा गया है.

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