सहारनपुर कोर्ट ने चार अभियुक्तों को हत्या का दोषी करार दिया है. कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है सभी पर 1-1 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. गांव मुंडीखेड़ी में 5 युवकों ने रजत की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी-2 की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाहीं के आधार पर ये सजा सुनाई है. वहीं एक अभियुक्त की पहले ही मौत हो चुकी है.
2020 में रजत की चाकू मारकर की थी हत्या शासकीय अधिवक्ता मैनीपाल चौधरी ने बताया कि कोतवाली रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव मुंडीखेड़ी में दो पक्षों में झगड़ा हो गया था. 24 जुलाई 2020 को पंचायत के दौरानरजत की देवेंद्र, कपिल, दिनेश, प्रताप और दीपक उर्फ सैंकी ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी. मृतक के चाचा चैनपाल ने 5 अभियुक्तों के खिलाफ थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की. हालांकि 5 अभियुक्तों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसी दौरान दीपक उर्फ सैंकी ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया था.
मुख्य गवाह की गोली मारकर हुई थी हत्या 9 अप्रैल को रजत हत्याकांड के गवाह विक्रांत फौजी की तीन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड का जब खुलासा हुआ। जिसमें रजत के सगे भाई ने ही विक्रांत फौजी की हत्या की साजिश रची थी.सागर भी विक्रांत के साथ फौज में था। उसने अपने साथीअंकुश और विशाल के साथ हत्याकांड को अंजाम दिया.
पुलिस ने अंकुश को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है. जबकि सूरज और विशाल की पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस जांच में सामने आया कि रजत का सगा भाई और भारतीय सेना में कार्यरत सूरज उर्फ भूरा पुत्र राजपाल ही विक्रांत का हत्यारा है.सूरज को ये बात नागवार गुजर रही थी कि विक्रांत का झुकाव देवेंद्र पक्ष की ओर बढ़ रहा था. सूरज मानता था कि रजत की हत्या विक्रांत के कारण ही हुई थी, क्योंकि उसी का झगड़ा आरोपी पक्ष से हुआ था. हालांकि विक्रांत ने देवेंद्र पक्ष के खिलाफ ही गवाही दी थी.