ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने बीजेपी नेता और पहलवान बबीता फोगाट पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि बृजभूषण सिंह को हटाकर बबीता खुद भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का अध्यक्ष बनना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने पहलवानों प्रदर्शन करने के लिए उकसाया. इसके लिए बबीता ने कई पहलवानों के साथ मीटिंग भी की थी और उनसे WFI के भीतर हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं और महिला पहलवानों के खिलाफ यौन शोषण के खिलाफ विरोध करने के लिए आग्रह किया था. उनके इस खुलासे के बाद से बवाल मच गया है. इतना ही नहीं साक्षी ने प्रदर्शन में शामिल पहलवान और उनकी दोस्त विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर भी प्रदर्शन के दौरान स्वार्थी होने का भी आरोप लगाया है.
बबीता पर लगाए गंभीर आरोप
साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ मिलकर पिछले साल WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. तीनों पहलवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर कई दूसरे पहलवानों के साथ धरना दिया था. इस दौरान उन्होंने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए, उन्हें पद से हटाकर जांच की मांग की थी. लेकिन पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट उनकी विरोधी करती दिखी थीं.
अब साक्षी ने इंडिया टूडे के एक इंटरव्यू में दावा किया है कि ये प्रदर्शन बबीता के कहने पर ही हुआ था. वो खुद उनके पास प्रदर्शन करने का आग्रह लेकर आई थीं, लेकिन इसमें उनका अपना एजेंडा शामिल था. वह बृजभूषण सिंह को हटाकर खुद अध्यक्ष बनना चाहती थीं. साक्षी ने ये भी दावा किया पहलवानों के प्रदर्शन में कांग्रेस ने नहीं बल्कि बीजेपी नेता तिरथ राणा और बबीता ने हरियाणा में प्रदर्शन की अनुमति दिलाने में मदद की थी.
साक्षी ने आगे खुलासा किया कि उन्हें भी इसके बारे में जानकारी थी. उन्होंने आंख मूंदकर उनकी बातों को नहीं माना था, बल्कि वाकई में संघ में यौन शोषण समेत कई गंभीर समस्याएं चल रही थीं. इसलिए उन्हें लगा अगर कोई बबीता फोगाट जैसी महिला, जो खुद एक स्पोर्ट्सपर्सन रह चुकी है, WFI की जिम्मेदारी संभालती है तो संघ में सकारात्मक बदलाव आएंगे. उन्होंने कहा कि ‘हमने उनका विश्वास किया लेकिन कभी भी ये नहीं सोचा था कि वो इस तरह से हमारे साथ माइंड गेम खेलेंगी. हमें लगा वह प्रदर्शन में हमारे साथ बैठकर हमारा साथ देंगी.’
विनेश-बजरंग की भी खोली पोल
साक्षी मलिक ने हाल ही में ‘विटनेस’ नाम से अपनी एक किताब रिलीज की है. इसमें उन्होंने अपनी दोस्त विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की पोल खोली है. साक्षी ने अपनी किताब में कहा है कि विनेश और बजरंग के स्वार्थी फैसलों के कारण पहलवानों के प्रदर्शन से कुछ फायदा नहीं हुआ.
साक्षी के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान विनेश और बजरंग के आसपास मौजूद लोगों ने उनके कान भरने शुरू कर दिए. इससे उन पर लालच हावी हो गया और दोनों ने एड-हॉक कमेटी के फैसले को मान लिया. इस फैसले में उन्हें ट्रायल गेम से देने की छूट देने की बात कही गई थी. इससे प्रदर्शन को काफी नुकसान हुआ. कई समर्थन करने वाले यह सोचने लगे कि ये प्रदर्शन खुद की लालच के लिए किया जा रहा था.