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सक्ती गैंगरेप केस…BJP नेता समेत तीन बरी:निचली अदालत के उम्रकैद के फैसले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दी चुनौती

छत्तीसगढ़ के सक्ती में 2014 में गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के तत्कालीन जिला मंत्री संजय कश्यप और दो अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में निचली अदालत ने तीनों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला बीते 11 वर्षों से न्यायिक प्रक्रिया में लंबित था।

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यह मामला 2 फरवरी 2014 का है। सक्ती थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि रात लगभग 11 बजे संजय कश्यप, लाखन नामदेव और रमेश साहू जबरन उसके घर में घुस आए। उस समय महिला का पति घर पर मौजूद नहीं था। शिकायत के अनुसार, तीनों ने महिला के साथ गैंगरेप किया और फरार हो गए।

महिला की शिकायत पर सक्ती पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और तीनों को गिरफ्तार किया गया।

निचली अदालत ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा

इस मामले में 2017 में निचली अदालत ने तीनों को दोषी ठहराया था। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। साथ ही 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा इन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी, 450 और 120बी के तहत दोषी ठहराया गया था।

तीनों ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामला पिछले 8 साल से लंबित था। 7 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए तीनों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में असफल रहा। पेश किए गए सबूत और गवाहों के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। इस आधार पर हाईकोर्ट ने तीनों को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

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