इटावा : उत्तर प्रदेश: इटावा जनपद के बकेवर थाना क्षेत्र स्थित दंदरपुर गांव में हाल ही में हुए बवाल और प्रदर्शन को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटनाक्रम से स्पष्ट रूप से खुद को अलग कर लिया है.पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू और प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता कर यह बयान दिया कि इस प्रदर्शन का समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं है और न ही पार्टी ने इसका कोई आह्वान किया था.
प्रेस वार्ता के दौरान सपा नेताओं ने मजबूती से कहा कि दंदरपुर की घटना में समाजवादी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने साफ किया कि जो भी प्रदर्शन किया गया, वह पार्टी की जानकारी या सहमति से नहीं हुआ. सपा नेताओं ने इस घटना के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ लोगों का हाथ होने का आरोप लगाया.उनका कहना था कि भाजपा के कुछ लोगों ने इस घटना को भड़काने का काम किया है.
सपा प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए.उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से ढिलाई और असंवेदनशीलता सामने आई, जिससे हालात और अधिक बिगड़ गए. यादव ने मांग की कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और निर्दोष स्थानीय व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए.
इटावा के उप जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू ने भी अपनी बात दोहराते हुए कहा कि यह प्रदर्शन समाजवादी पार्टी के बैनर तले नहीं हुआ था और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है.गोपाल यादव ने आगे कहा, “पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हालात बिगड़े हैं। निर्दोष कार्यकर्ताओं को निशाना न बनाया जाए.”
आपको बता दें कि यह पूरा मामला इटावा में एक कथावाचक से मारपीट और अभद्रता से जुड़ा है.इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.पुलिस ने इस मामले में तत्परता से कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश अभी भी जारी है.हालांकि, इस घटना ने अब एक राजनीतिक मोड़ ले लिया है, जहां पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है और उन पर जाति की राजनीति करने जैसे आरोप भी लगाए हैं.