समस्तीपुर: पंचमुखी हनुमान मंदिर से कोई नहीं लौटता खाली हाथ: यहां भक्तों की हर मुराद होती है पूरी!

Bihar: समस्तीपुर जिला मुख्यालय से महज दो-तीन किलोमीटर उत्तर-पूर्व में मन्नीपुर गांव में सदियों से स्थापित है सिद्धहस्त मां दुर्गा का मंदिर जो माई स्थान के नाम से विख्यात है. यहां के बारे में मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति आज तक यहां से खाली हाथ नही लौटा है. सभी मन्नतें पूर्ण हुई है.

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लगभग डेढ सौ वर्ष पूर्व हुई थी माता की पिंडी रूप में स्थापना
बताया जाता है कि 19वीं सदी में मन्नीपुर व इसके आसपास के कई गांवों मे हैजा महामारी फैल गई थी. जिसमें काफी संख्या में लोगों की जानें चली गई थी. चारों तरफ त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई थी. उसी समय मन्नीपुर निवासी तपस्वी ब्रह्मचारी सद्पुरुष श्री श्री राम खेलावन दास को माता ने स्वप्न में दर्शन देते हुए पिंडी स्थापित कर पूजा अर्चना करने को कहा। स्व. दास सड़क किनारे पूर्वाभिमुख माता की पिंडी स्थापित कर पूजा अर्चना करने लगे। तत्पश्चात क्षेत्र की स्थिति में तेजी से सुधार होने लगा। स्थिति सामान्य हो गई तथा चारो तरफ खुशियां लौट गई.

2013 में धार्मिक न्यास परिषद के हुआ हवाले

मंदिर की बढ़ रही प्रसिद्धि तथा आय में बेतहाशा वृद्धि को देखकर एक पूर्णतया समर्पित मंदिर समिति की आवश्यकता पर स्व. वासुदेव के उत्तराधिकारियों ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद से लिखित निवेदन किया. न्यास परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल व जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा के सहयोग से वर्ष 2013 के जून माह में यह प्रसिद्ध मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड पटना के निबंधन संख्या 4254 के तहत निबंधित हो गया। जिसके पदेन अध्यक्ष अंचलाधिकारी को बनाते हुए अवैवतनिक ग्यारह सदस्यों की नियुक्ति की गई. फिर 2016 में स्थानीय प्रह्लाद सिंह के भूमि दान करने पर दो तल्ला भवन बनाकर मंदिर में माता की मूर्ति प्रतिस्थापित की गई तथा परिसर में 51 फीट का पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई। साथ ही नवग्रह मूर्ति की भी स्थापना की जा रही है.

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