उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के पास बनाए जा रहे पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी होने का दावा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. दावे को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गलत माना है. इस संबंध में एसपी कृष्ण बिश्नोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
संभल में बाबर युग में बनी जामा मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है. यहां नवंबर महीने के आखिरी में हिंसा भी हो गई थी. पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़पें देखी गई थी. इसके बाद यहां एक पुलिस चौकी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. इसी चौकी की जमीन को लेकर दावे किए गए कि वक्फ की प्रॉपर्टी पर इसका निर्माण किया जा रहा है. बीते दिनों एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस तरह के दावे पर बयान दिए थे.
जांच-पड़ताल में नहीं मिले सबूत!
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने आज तक से बातचीत में कहा, “एक डेलिगेशन के द्वारा कुछ कागज भी दिए गए थे और उन कागजों की जांच पड़तालकी गई. उसे जांच पड़ताल के दौरान कोई भी डॉक्यूमेंट रजिस्टर्ड होने की बात प्रकाश में नहीं आई है. अगर इस तरह से देखा जाएगा तो संभल कोतवाली भी वक्फ की जमीन का ही पार्ट होगा. बिना किसी आधार के यह सभी डॉक्यूमेंट दिए गए थे और उनकी जांच पड़ताल करने के बाद इस मामले में अभियोग पंजीकृत करने की संस्तुति की गई थी.”
एसपी ने कहा, “मामले में अज्ञात के खिलाफ संभल कोतवाली में अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है. इसके अलावा पूरे जिले में भी इसका उल्लंघन किया जा रहा है और जहां भी इस तरह का उलझन सामने आएगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. मैं संभल के लोगों से भी अपील करना चाहूंगा कि अगर कहीं पर भी वक्फ से संबंधित कोई जमीन बेची गई है, हम लोग उन सभी प्रॉपर्टीजयों की जांच कराएंगे.”
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए थे सवाल
प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में कुवैत दौरे पर गए थे, जहां उन्हें यहां के सर्वोत्तम सम्मान से सम्मानित किया गया था, और वह कुवैत के शेख से गले मिलते नजर आए थे. इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि क्या प्रधानमंत्री कुवैत के शेख को ये दिखा सकते हैं कि संभल में मस्जिद के पास पुलिस आउटपोस्ट का निर्माण वक्फ की जमीन पर किया जा रहा है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि संभल मस्जिद के पास बनाए जा रहे आउटपोस्ट की जमीन वक्फ की है, जिसका जिला मजिस्ट्रेट ने तभी खंडन किया था.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक एक्स पोस्ट में कहा था, “संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है. नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ संभल में खतरनाक माहौल बनाने के जिम्मेदार हैं.”
संभल के डीएम ने दावे को किया खारिज
शाही जामा मस्जिद के पास कोट पूर्वी इलाके में मुगल काल की मस्जिद के पास पुलिस चौकी के निर्माण के लिए 28 दिसंबर को एक औपचारिक ‘भूमिपूजन’ किया गया था. संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने दावे को खारिज करते हुए कहा था कि पुलिस चौकी की जमीन वक्फ की है, इस दावे के लिए कोई भी वैध दस्तावेज के साथ
सामने नहीं आया.