उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मस्जिद और मंदिर का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. जहां हिंदू पक्ष का दावा है कि जिले की शाही जामा मस्जिद पूर्व में श्री हरिहर मंदिर था, वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये उनकी ऐतिहासिक मस्जिद है, जो कभी नहीं हट सकती. कोर्ट में याचिका डालकर माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. हालातों को देखते हुए प्रशासन द्वारा मस्जिद के बाहर भारी फोर्स की तैनाती की गई है. पूरा मामला सदर कोतवाली इलाके का है.
दरअसल, संभल में सिविल जज की कोर्ट में जामा मस्जिद के श्री हरिहर मंदिर होने का दावा पेश होते ही मस्जिद के अंदर पहले चरण का सर्वे शुरू हो गया है. जिसके चलते जिला पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. इसके साथ ही मस्जिद की सुरक्षा-व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है.
संभल की जामा मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने RRF के जवान तैनात कर दिए गए हैं. इतना ही नहीं मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग करके पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. जिले के मुख्य चौराहों और कई संवेदनशील इलाकों में भी पुलिस, पीएसी बल की तैनाती की गई है. खुद एडिशनल एसपी ने जामा मस्जिद पहुंचकर मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.
सोशल मीडिया पर भी नजर
मामले में एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि कोर्ट का आदेश आने के बाद एडवोकेट कमीशन के द्वारा धार्मिक स्थल का सर्वे किया गया था. इसके बाद धार्मिक स्थल के आसपास और धार्मिक स्थल की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई है. धार्मिक स्थल के आसपास के इलाके में आरआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में पुलिस-पीएसी बल की भी तैनाती की गई है. पुलिस की एक टीम के द्वारा सोशल मीडिया पर भी निगरानी की जा रही है. अगर कोई भी व्यक्ति भड़काऊ पोस्ट या आपत्तिजनक पोस्ट करेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. संभल पुलिस पूरी तरह से सतर्क है.
मस्जिद के सर्वे का काम शुरू
मालूम हो कि बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने संभल की चंदौसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में जामा मस्जिद के पूर्व में श्री हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किया था. जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. आदेश पारित होते ही एक टीम सर्वे के लिए मस्जिद के अंदर पहुंची और वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की. इस दौरान मस्जिद के बाहर काफी संख्या में मुस्लिम पक्ष के लोग इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबजी की. भारी पुलिस की मौजदगी में हालात तनावपूर्ण हो गए.
हिंदू और मुस्लिम पक्ष का दावा
इस मामले में हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वे के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए. कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.
बकौल विष्णु शंकर जैन- संभल में श्री हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां पर कल्कि अवतार होना है. वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसे मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. इसलिए हमने याचिका लगाई है. सर्वे के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी. यह एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्र भी है, ऐसे में किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता.
वहीं, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने दावा किया कि सर्वे में कुछ नहीं मिला है. ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी. हमारी मस्जिद ऐतिहासिक है और बहुत पुरानी है. 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे. उसके बाद भी सर्वे याचिका डालकर माहौल खराब किया जा रहा है.