Sambhal Violence Update: संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की भी मांग की है. संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सांसद बर्क के खिलाफ केस दर्ज किया था. पुलिस का कहना है कि उनके भड़काऊ भाषण की वजह से ही शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी.
सांसद बर्क ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में अपने सांसद होने का हवाला दिया और कहा कि पढ़े-लिखे इंसान हैं. इसके साथ ही उन्होंने हिंसा से जुड़े कई और तर्क भी दिए कि उनका इससे किसी भी तरह से कोई जुड़ाव नहीं है. इसलिए उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर देना चाहिए.
संभल पुलिस बर्क के खिलाफ जुटा रही सबूत
दरअसल संभल पुलिस लगातार सांसद बर्क के खिलाफ सबूत जुटा रही है. पुलिस ने कहा था कि जियाउर्रहमान ने भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसकी वजह से हिंसा हुई. हालांकि सांसद का कहना है कि जब हिंसा हुई तब वो यूपी में थे ही नहीं, वो उस समय बेंगलुरु में थे. मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई. सूत्रों की मानें तो किसी भी वक्त संभल पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. इसी वजह से उन्होंने हाई कोर्ट से राहत मांगी है.
24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
संभल जिले में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे. घायलों में पुलिसवाले भी शामिल थे. पुलिस ने हिंसा मामले में ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी शामिल हैं.
योगी बोले- एक भी उपद्रवी नहीं बचेगा
शाही मस्जिद में सर्वे के दौरान शुरू हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा में कहा कि इसमें शामिल एक भी दोषी नहीं बचेगा. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अराजकता फैलाने की छूट किसी को भी नहीं दी जा सकती है. जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उसे ठीक कराने के लिए खर्च उन्हीं उपद्रवियों से वसूल किया जाएगा. इसके अलावा उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए पोस्टर भी लगाए गए.