आज हमारे आसपास इस बात की चर्चा होती है कि क्या दो महिलाएं और दो पुरुष बच्चा पैदा कर सकते हैं. अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो उत्तर न ही होगा, लेकिन मॉर्डन साइंस के नजरिए से देखा जाए तो यह मुमकिन है. मेडिकल साइंस प्रेग्नेंसी ने अब सेम सेक्स कपल्स के लिए भी रास्ते खोल दिए हैं, जिनसे वे बच्चा पैदा कर सकते हैं. डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की लगातार प्रयास से दो सेम सेक्स के कप्लस को बच्चे का सुख प्राप्त हो सकता है.
इसके लिए भी आईवीएफ का सहारा लिया जाता है. भारत में डॉ गौतम इलाहाबादिया ने इस तकनीक का सहारा लेकर सेम सेक्स कपल को गर्भधारण कराया है.
डोनर इनसेमिनेशन प्रोसीजर
डॉ. गौतम इलाहाबादिया बताते हैं कि बांझपन में डोनर इनसेमिनेशन नामक एक प्रक्रिया होती है. इसकी मदद से भी सेम सेक्स कपल गर्भधारण कर सकता है. इस प्रसीजर में डोनर का शुक्राणु महिला के गर्भाशय में डाला जाता है. इसको इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (IUI) भी कहते हैं. यह उपचार उन लोगों के लिए किया जाता है जो बांझपन का शिकार है या फिर सेम सेक्स कपल हैं.
सेम सेक्स कपल प्रेगनेंसी कैसे होती है
सेम सेक्स कपल में बच्चा पैदा करने के लिए आईवीएफ़ के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं इन तरीकों में, एक साथी के अंडों का इस्तेमाल दूसरे के गर्भाशय में किया जाता है. इस प्रक्रिया में, एक साथी के अंडे दूसरे में ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. एक साथी अंडे दान करता है और दूसरा गर्भ धारण करता है.
डॉ गौतम कहते हैं किमुंबई में पहले कोई शुक्राणु बैंक नहीं था, ऐसे में मैंने एक सहायक प्रजनन या टेस्ट-ट्यूब बेबी सेंटर स्थापित करने के बारे में सोचा, लेकिन मेरे पास पर्याप्त धन नहीं था. मैंने अपनी बिल्डिंग के गैराज से इस सेंटर की शुरुआत की. मैंने इसे एक क्लिनिक बाद में इसे छोटी सी लैब में बदल दिया. जहाँ हम स्पर्म टेस्ट करते थे. 1996 में मैंने एक स्पर्म बैंक खोला. हालांकि, 4 साल तक कोई ज्यादा काम नहीं था, लेकिन इस दौरान किताबें लिखना और शोध पत्र लिखना जारी रखा. 2000 में मरीज आने लगे और फिर एक IVF (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) केंद्र शुरू किया.