राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने अपने बयानों से मुंह मोड़ लिया है. उन्होंने शुक्रवार शाम को कहा कि राम भक्त के विरोधी सत्ता से बाहर हैं जबकि राम भक्त सत्ता में हैं. आज देश प्रगति कर रहा है और तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस समय का इतिहास सत्य है कि जिन्होंने राम का विरोध किया और कहा कि राम भक्त सत्ता में आएंगे ही नहीं, वह सत्ता से बाहर हो गए. जिन्होंने राम भक्ति की और अपना एक अच्छा ग्रुप बनाया वो आज सत्ता में है.
RSS के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि इसलिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सरकार बन गई है. मैं देशवासियों से अपील करूंगा कि वह पीछे की तरफ ना जाएं. जो वर्तमान में जीते हैं वह भविष्य को भी जीत लेंगे, इसलिए अच्छा होगा कि वह वर्तमान में आए और वर्तमान का यही सत्य है की राम भक्त इस समय सत्ता में है और जो राम विरोधी थे वो सत्ता बाहर हैं.
वहीं, इस बार के चुनाव में बीजेपी को फुल मेजॉरिटी नहीं मिलने और अहंकार के सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह सच है कि इस समय वह जो भी है, एक समूह के रूप में मेजोरिटी में है. इसलिए सत्ता में है बाकी अपने बारे में विचार करना और अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए वह पूरी तरह से सक्षम थे, है और सदा रहेंगे.
अयोध्या की सीट हारने और चर्चा में रहने के सवाल पर संघ के नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग सक्षम हैं. वह इसका आंकलन करेंगे और आगे बढ़ते जाएंगे. इसको राम के साथ जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है. मुझे यह लगता है कि हम इसका पूरा मंथन करेंगे और इस पर विचार करके आगे बढ़ाएंगे.
बीजेपी को लाने के पीछे RSS के कांग्रेस के आरोपों पर भी इंद्रेश कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का स्वभाव हो गया है आरोप-प्रत्यारोप करना. ये लोग महात्मा गांधी की हत्या से लेकर आज तक ये लोग अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं, इसलिए उनके बारे में कुछ कहना उचित नहीं होगा.
अयोध्या से बीजेपी के टिकट पर चुनाव हारने वाले लल्लू सिंह को लेकर दिए अपने पहले बयान पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि वह लोग आज अपना आंकलन कर रहे हैं. उसके बाद वह स्वयं सोचेंगे. वर्तमान यह कहता है कि देश में NDA की और राम भक्तों की सरकार है. सभी लोग राम भक्तों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ें ताकि भारत नया आयाम छू सके.
सुबह के बयान और आरएसएस की ओर से किनारा किए जाने पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि तो फिर आपको संघ का जो अधिकृत बयान है उसी को मानना चाहिए. हर स्वयंसेवक का दिया हुआ बयान संघ का अधिकृत बयान नहीं होता है. बयान से पलटने को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. मेरा ख्याल है कि 2 दिन बाद आएंगे तो बयानों में और भी परिवर्तन आएंगे.