‘संजय कोल हाजिर हो’… जिस नक्सली का 18 साल पहले एनकाउंटर, सोनभद्र पुलिस ने उसके नाम भेजा समन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. पुलिस ने उस हार्डकोर नक्सली को सम्मन भेज दिया, जिसकी मौत करीब 18 साल पहले पुलिस मुठभेड़ में हो चुकी है. जानकारी के अनुसार, 18 अप्रैल 2007 को चंदौली जनपद में हुई पुलिस मुठभेड़ में एक लाख रुपये का इनामी हार्डकोर नक्सली संजय कोल उर्फ सुनील कोल मारा गया था. उस समय चंदौली पुलिस ने उसे मुठभेड़ में ढेर कर नक्सली गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई की थी.

मृतक नक्सली के परिजनों का हाल ही में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से गलत वसूली को लेकर विवाद हुआ. साथ ही परिजनों का जमीन और नाली विवाद भी सामने आया था. इसी विवाद में पुलिस ने जांच की औपचारिकता पूरी करते हुए मृत नक्सली का नाम भी शामिल कर लिया और बाकायदा उसके घर जाकर पूछताछ करने का दावा किया. इसके बाद पुलिस ने 6 जुलाई 2025 को जनरल डायरी (जीडी) में मामला दर्ज कर लिया.

मृतक नक्सली के नाम जारी हुआ सम्मन
24 जुलाई 2025 को न्यायालय उपजिलाधिकारी रॉबर्ट्सगंज के समक्ष धारा 126/135 बीएनएसएस के तहत सम्मन जारी कर दिया. पुलिस की इस कार्रवाई से परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी हैरान हैं. लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति की मौत डेढ़ दशक पहले हो चुकी है, उसे सम्मन भेजना पुलिस की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है. सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर घर जाकर पुलिस ने किस आधार पर जांच की और किन तथ्यों को देखकर मृत नक्सली का नाम सम्मन में शामिल किया गया.

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
यह पूरा मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. राबर्ट्सगंज कोतवाली के द्वारा मृतक को सम्मन भेजने के इस कारनामे को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस की इस लापरवाही का विरोध करते हुए लोग मामले की जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

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