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संजय राउत को याद आई NDA की दरियादिली, कांग्रेस को दी नसीहत- ऐसा त्याग तो आपको भी करना चाहिए

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान के बाद विपक्षी इंडिया ब्लॉक की प्रासंगिकता पर बहस छिड़ी हुई है. इस गठबंधन में शामिल शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इंडिया ब्लॉक के गठन के उद्देश्य पर बात की और कांग्रेस को यह नसीहत भी दी कि उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सीख लेनी चाहिए.

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संजय राउत ने उन दिनों को भी याद किया जब उनकी पार्टी भी बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हुआ करती थी. संजय राउत ने कहा कि इंडिया ब्लॉक की स्थापना लोकसभा के लिए हुई थी लेकिन हमें चाहिए कि इसे बनाए रखें. उन्होंने चुनावी राज्य केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ये गठबंधन वहां भी नजर आता तो और बेहतर होता.

संजय राउत ने नसीहत देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को समझौता करना चाहिए, खासकर बड़ी पार्टियों को. शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद ने शिवसेना के एनडीए वाले दिन याद करते हुए कांग्रेस को बीजेपी से सीख लेने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि ये (त्याग) ऐसा ही है जैसा बीजेपी किया करती थी जब हम एनडीए में थे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी ऐसा त्याग करना चाहिए. संजय राउत ने कहा कि वहां हमेशा बातचीत चलती रहती थी. उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी पलटवार किया. संजय राउत ने कहा कि रामलला को संघ नहीं लाया है. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान नहीं लिखा है. वह जो कह रहे हैं, गलत है. हमने उनके लिए लड़ाई लड़ी है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

गौरतलब है कि संजय राउत ने एक दिन पहले भी कांग्रेस को आगे बढ़कर बातचीत शुरू करने की सलाह दी थी और कहा था कि गठबंधन में बड़ा भाई होने के नाते ये कांग्रेस की जिम्मेदारी है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से दूर रखने में सफलता की सराहना की थी.

उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक अगर सिर्फ संसदीय चुनावों के लिए ही था तो इसे समाप्त कर देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन में संवाद और बैठकें नहीं होती हैं तो अस्पष्टता की स्थिति बनी रहती है. उमर अब्दुल्ला के इस बयान के बाद विपक्षी इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों के बीच ही गठबंधन के औचित्य और भविष्य को लेकर बहस छिड़ गई है.

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