सीधी, मध्यप्रदेश : संजय टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में लगी भीषण आग ने बफर जोन से होते हुए कोर जोन तक दस्तक दे दी है. केशलार, बड़कावन और करचा गरूण पाठ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आग तेजी से फैल रही है, जिससे वन्य जीवों और जैव विविधता को भारी नुकसान हो रहा है. बीते एक सप्ताह से जंगल धधक रहा है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वन विभाग और प्रशासन आग पर काबू पाने में असफल साबित हो रहे हैं.
भुईमाड़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत फैली इस आग से अब तक लाखों रुपये की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है। कई दुर्लभ वनस्पतियाँ और औषधीय पौधे इस आग की भेंट चढ़ चुके हैं. वहीं, आग की भयावहता को भांपते हुए वन्य प्राणी सुरक्षित स्थानों की तलाश में जंगल छोड़कर अन्यत्र भागने लगे हैं. इससे इलाके में मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है.
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सीसीएफ अमित दुबे ने बताया कि संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लगी आग पर काबू पाने के लिए विभागीय टीम लगातार निगरानी कर रही है. स्थानीय स्तर पर आग बुझाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन संसाधनों और आधुनिक उपकरणों की भारी कमी के कारण कार्यवाही प्रभावी नहीं हो पा रही है.
गौरतलब है कि यह क्षेत्र न केवल टाइगर रिजर्व के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र पूरे मध्यभारत के लिए महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही आग पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इसका असर पूरे जंगल की पारिस्थितिकी पर पड़ेगा. अब जरूरत है कि राज्य और केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन की तर्ज पर त्वरित सहायता उपलब्ध कराएं, ताकि इस विनाशकारी आग को फैलने से रोका जा सके.