सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के बाद यूपी के मुजफ्फरनगर में हालात तनावपूर्ण हो गए. हजारों मुस्लिम सड़कों पर उतर आए और आरोपी अखिल त्यागी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. हालांकि, हालात ज्यादा बिगड़ते इससे पहले पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. आनन-फानन में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और इलाके में फ्लैग मार्च कर स्थिति को कंट्रोल किया. घटना के दो दिन बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान आरोपी अखिल त्यागी के घर पहुंचे.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शनिवार रात जिन लोगों ने बुढाना कोतवाली क्षेत्र की सड़कों पर उत्पात किया, भय का माहौल बनाने का प्रयास किया, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. नहीं तो वे धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएंगे. एक्शन का रिएक्शन होगा.
दरअसल, मुजफ्फरनगर के बुढाना में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बवाल मच गया था. इसके विरोध में शनिवार देर रात मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सड़क पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया. विरोध बढ़ने पर पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले अखिल त्यागी को गिरफ्तार कर लिया. इस बीच अब विवादित पोस्ट को लेकर हंगामे ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. जिसके चलते सोमवार (21 अक्टूबर) को पूर्व बीजेपी सांसद संजीव बालियान आरोपी अखिल त्यागी के घर पहुंचे.
यहां पर संजीव बालियान ने अखिल चौधरी के परिजनों सहित क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जाम, हंगामा और पथराव करने वाले लोगों की अगर जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह थाने में बैठ जाएंगे और चारों तरफ से लोग आ जाएंगे. हम नहीं चाहते माहौल खराब हो.
बकौल बालियान- भीड़ के दम पर इस जिले को कोई नहीं चला सकता. यहां सिर्फ कानून का राज चलेगा. एक्शन पर रिएक्शन हो सकता है क्योंकि उस रात जिसके घर पर पथराव हुआ वह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता है.
संजीव बालियान ने यह भी कहा कि सड़क पर इकट्ठा हुई 10000 लोगों की भीड़ ऐसे ही नहीं आती, यह एक साजिश है. 10 साल बाद ऐसी साजिश रची गई है. आखिर किसके इशारे पर ये हो रहा है. ये ध्रुवीकरण करने का कुत्सित प्रयास है. भीड़ द्वारा कस्बे को बंधक बनाया गया था. जैसे बहराइच में गोपाल मिश्रा की हत्या देखने को मिली वैसे ही घटना बुढाना में भी हो सकती थी.
पूर्व बीजेपी सांसद ने कहा कि आरोपी अखिल त्यागी को जब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था तो इतनी बड़ी संख्या में भीड़ सड़कों पर आखिरकार क्यों आई. इस मामले में जल्द ही कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस को निष्पक्ष होना होगा. दबाव में आने की जरूरत नहीं है.