नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से आयोजित नीट-2024 के क्वेश्चन पेपर लीक मामले में पटना सिविल कोर्ट स्थित CBI की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी संजीव मुखिया को जमानत दे दी है. कोर्ट ने जमानत देने के पीछे का कारण बताया कि सीबीआई की तरफ से समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. आरोपी संजय 1 मई 2025 से ही जेल में बंद था. 5 मई 2024 को देश भर में NEET की परीक्षा आयोजित की गई थी. इसी दौरान बिहार से लेकर झारखंड तक पेपर लीक हुआ था. पूरे मामले की जांच सीबीआई ने 23 2024 को शुरू की थी.
कोर्ट में संजीव की तरफ से कहा गया कि वह 90 दिनों से जेल में बंद है. जबकि सीबीआई की तरफ से उसके खिलाफ अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है. कोर्ट ने संजीव इस दलील पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया है. ऐसे में देखना होगा कि सीबीआई की तरफ से और कितने दिनों तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2024 के मई महीने में देशभर में मेडिकल कॉलेज का एंट्रेंस एग्जाम हुआ था. इस एग्जाम से पहले ही संजीव मुखिया और इसकी गैंग ने पेपर लीक कर दिया था. पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ था जब पटना के प्राइवेट स्कूल में परीक्षा से एक दिन पहले दबिश दी गई थी. वहां सॉल्वर स्टूडेंट को क्वेश्चन एवं आंसर याद करवाए जा रहे थे.
नौकरी छोड़ राजनीति में करी थी एंट्री
बिहार एसटीएफ के मुताबिक संजीव मुखिया के बारे में पुख्ता सूचना मिली थी कि उसने एक प्रोफेसर के जरिए पेपर लीक कराया है. इसको लीक कराने के बाद वह छात्रों से 40-40 लाख रूप में डील कर रहा था. मूलरूप से नालंदा के नगरनौसा निवासी संजीव मुखिया का एक नाम लूटन मुखिया भी है. पहले यह नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक था. बाद में वह नौकरी छोड़ कर यह राजनीति में आ गया था.
पेपर लीक मामले में मुखिया रेड के दौरान वहां से फरार होने में कामयाब हो गया था. हालांकि टीम ने सर्च में उसे गिरफ्तार कर लिया था. ऐसा भी कहा जाता है कि गिरफ्तारी से पहले ही उसने आत्मसमर्पण कर दिया था.