सारंगढ़: जिले के गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से अकथनीय पीड़ा झेल रहे ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर चक्का जाम कर जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. क्षेत्र में अवैध खदानों की भरमार और खनिज विभाग की उदासीनता के कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हजारों ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है.
गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र में सैकड़ों खदानें और क्रेशर मशीनें संचालित होने से उत्पन्न धूल और धुआं जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है. इन खदानों के कारण पूरा ग्रामीण क्षेत्र मैदानी इलाके से कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन मिलकर मनमानी कर रहे हैं और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.
ग्रामीणों ने चक्का जाम कर फ्लाई ऐश वाहनों पर कार्रवाई और सड़कों पर पानी का छिड़काव करने की मांग की. जनप्रतिनिधियों और खदान मालिकों के आश्वासन के बाद ही चक्का जाम समाप्त हुआ. हालांकि, प्रशासन की ओर से मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों के प्रति प्रशासन की उदासीनता स्पष्ट हो गई.
यह घटना एक बार फिर प्रदूषण के खतरों और प्रशासनिक उदासीनता की ओर इशारा करती है. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए. साथ ही, स्थानीय लोगों को स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार दिलाने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए.