सारंगढ़: सारंगढ़ रक्सा धान खरीदी केंद्र में 28 नवंबर को भाजपा नेताओं द्वारा उत्पात मचाने के बाद प्रशासन ने जांच की और सात लोगों पर एफआईआर दर्ज की. इसमें भाजपा नेता और कांग्रेस विधायक पति गनपत जांगड़े का नाम भी था. एफआईआर के बाद मामला गरमा गया, और गनपत जांगड़े ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह मामला राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रचा गया है, क्योंकि क्षेत्र में कांग्रेस विधायक की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा असहज थी.
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गनपत जांगड़े ने कहा कि यह धान उनका नहीं था और वे 26 से 29 नवंबर तक विशाखापट्टनम में थे, जहां उनके यात्रा टिकट, होटल रसीदें और सोशल मीडिया पोस्ट्स से यह साबित होता है कि वे धान खरीदी केंद्र पर मौजूद नहीं थे. साथ ही, उन्होंने बैंक को भी संबंधित राशि के बारे में सूचित किया था.
इस मामले को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उनके वकील विवेक वर्मा ने केस की पैरवी की. विद्वान न्यायधीश रमेश सिन्हा ने मामले की सुनवाई के बाद गनपत जांगड़े को जमानत दी.
गनपत जांगड़े ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनका नाम एफआईआर में जोड़ा, लेकिन आज सत्य की जीत हुई है.