सारंगढ़ : धौराभांठा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों और खासकर महिलाओं ने अवैध शराब बिक्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. क्षेत्र की पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार अवैध शराब पर कार्रवाई किए जाने के बावजूद शराब तस्करों के हौसले बुलंद हैं। गांव में कोचिया अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अशांति और अपराध बढ़ते जा रहे हैं. स्थानीय महिलाएं इस समस्या को लेकर उग्र हो चुकी हैं, क्योंकि उन्होंने कई बार गांव में शराब की बिक्री बंद करने के लिए समझाइश दी, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
अब, इन महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय का रुख किया और शराब बंदी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया कि गांव के अधिकांश लोग शराब पीकर दिन और रात गाली-गलौज करते हैं, जिससे गांव में मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके कारण गांव का जीवन संकट में है.
धौराभांठा ग्राम पंचायत की महिलाओं ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की और जिला कलेक्टर से त्वरित कार्रवाई की मांग की. कलेक्टर ने मामले को आबकारी विभाग को भेजते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया और शराबियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हालांकि, त्वरित कार्रवाई न होने पर महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वे उग्र आंदोलन करने के लिए तैयार हैं.
गांव में शराब की लत ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. खासकर 15 से 25 साल के युवा इस नशे की गिरफ्त में आकर अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं. महिलाएं इस समस्या के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहती हैं कि शराब सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन इसे अपनाने वाले कम ही लोग हैं.
धौराभांठा की महिलाओं ने एक सराहनीय कदम उठाया है और इस कदम को अगर सही तरीके से लागू किया जाता है, तो इसका सकारात्मक असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा. महिलाओं का मानना है कि सिर्फ धौराभांठा की ही नहीं, बल्कि अन्य गांवों की महिलाओं को भी इस मुद्दे पर आगे आना चाहिए। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों को इस अभियान में शामिल होना चाहिए, ताकि शराब की समस्या पर प्रभावी रूप से काबू पाया जा सके.