बहराइच : तराई में बारिश ने सरयू के जलस्तर को एक बार फिर लाल निशान से पास पहुंचा दिया.गिरिजापुरी बैराज पर जलस्तर बढ़ने के साथ नेपाल के पहाड़ों से आ रहे पानी ने हालात को और गंभीर बना दिया है.मिहींपुरवा, महसी, नानपारा व कैसरगंज में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.जानकीनगर में छह व माझा दरियाबुर्द में तीन पक्के मकान नदी में समा गए.
महसी तहसील क्षेत्र के जानकीनगर और माझा दरियाबुर्द गांव कटान की चपेट में हैं.जानकीनगर गांव निवासी तीरथ राम, राम धीरज, माधव, त्रिभुवन और मुनउ के पक्के मकान व बुधई का कच्चा घर, माझा दरियाबुर्द निवासी सुखलाल, आशाराम और दन्ना के पक्के मकान नदी ने लील लिए.
ट्रैक्टर पर बैठकर जानकीनगर पहुंचे एसडीएम
कटान की सूचना पाकर एसडीएम महसी आलोक प्रसाद ट्रैक्टर पर बैठकर राजस्व टीम के साथ जानकीनगर पहुंचे.उन्होंने कटान की स्थिति देखकर गांव के लोगों से बात की। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए.बताया कि नदी के जलस्तर पर निरंतर नजर रखी जा रही है.
जून से अब तक 51 घर बहा ले गई सरयू
जून से अब तक सरयू नदी के कटान ने जानकीनगर के 40 और माझा दरियाबुर्द के 11 पक्के-कच्चे मकान का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म कर दिया है.कटान प्रभावित अमेरिका, गेंदाराम, हरिश्चंद्र, रामरानी, गोकरण, नरेश, जीवन, पुत्तीलाल, परशुराम, रामचंद्र, ननकन, रामदास व कांति समेत कई ग्रामीण अब परिवार समेत खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर हैं.