सतना : माता शारदे के पावन दरवार के दर्शन हेतु हर साल आयोजित की जाने वाली पद यात्रा इस बार भी एक बार फिर से अपने अनोखे रूप में देखने को मिली. वर्धा के युवाओं ने बताया कि पिछले कई वर्षों से वे महैर माता के दर्शन के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं. इस वर्ष भी उनके बीच भक्ति का जोश और श्रद्धा का उत्साह चरम पर है.
वर्धा के युवाओं ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत से लेकर अब तक यह संकल्प लिया है कि वे हर साल इस यात्रा में सम्मिलित होंगे. मुड़ी पटेल ने बताया कि उन्हें माता के दर्शन करते हुए इस बार पांच साल हो गए हैं, वहीं बेटू पटेल ने बताया कि यह उनकी दूसरी यात्रा है. बबलू पटेल ने यह यात्रा अपनी पहली बार की यात्रा बताई.
यात्रा की शुरुआत करने वालों में लटोरी पटेल, नंदू पटेल, राजकरन पटेल, श्रीराम पटेल और महेंद्र पटेल जैसे युवा शामिल हैं. लटोरी पटेल ने कहा कि उनके गांव के युवा हर साल 5 से 10 युवा अधिक संख्या में इस यात्रा में सम्मिलित होते हैं. इस बार अधिक भक्तों की भीड़ को देखते हुए दो टोली बनाई गईं हैं. एक टोली बैठकी के दिन और दूसरी टोली दोज के दिन वलबंत, हनुमंत लाल जी महराज चौपरा धाम के दर्शन करते हुए मैहर धाम के लिए रवाना हुई.
इस अवसर पर भाजपा मंडल के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और पंचायत रोजगार सहायक दरवारी लाल अहिरवार भी मौजूद रहे और उन्होंने सभी युवा भक्तों से मिलकर उन्हें शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा मंगलमय हो और यह यात्रा धार्मिक जागरूकता का एक सुंदर उदाहरण बने.
यात्रा में शामिल युवाओं ने बताया कि वे 120 किलोमीटर की यात्रा पैदल करने जा रहे हैं. इस यात्रा का उद्देश्य न केवल अपनी आस्था को प्रकट करना है, बल्कि अपने गांव और जिले की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करना और धर्म के प्रति जागरूकता फैलाना भी है.
यात्रा की अनूठी भक्ति का दृश्य
इस यात्रा में 18 से 30 वर्ष तक के युवा शामिल होते हैं, जिनके हाथों में माता की चुनरी से बने लाल झंडे होते हैं। ये युवा जय माता दी का जयकारा लगाते हुए यात्रा करते हैं. बेटू पटेल ने बताया कि वे एक दिन में 40 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं और इस यात्रा के दौरान उनका उद्देश्य केवल माता के दर्शन करना और आस्था की शक्ति का अनुभव करना होता है.
इस प्रकार, यह यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि युवा पीढ़ी में भक्ति और शक्ति का अद्वितीय उदाहरण पेश करती है.