दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है. कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है, वह देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन ने करीब 18 महीने तक जेल में बंद रहकर सजा काटी है. हालांकि ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत का विरोध किया है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह जेल में लंबी सजा काट चुके हैं. लिहाजा हाईकोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी मंजूर की जाती है, उन्हें 50,000 रुपए का निजी मुचलका भरना होगा.
जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की लंबी हिरासत का हवाला दिया और मनीष सिसोदिया के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी संदर्भ दिया, जिसमें मौलिक अधिकार के रूप में त्वरित सुनवाई के अधिकार पर जोर दिया गया था.
कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर दिया जोर
अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया, खासकर जब PMLA जैसे सख्त कानूनों से जुड़े मामले की बात आती है. कोर्ट अदालत का आदेश मनीष सिसोदिया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर काफी हद तक निर्भर था, जिसने त्वरित सुनवाई के अधिकार के संबंध में एक मिसाल कायम की.
ईडी के विरोध पर कोर्ट ने कही ये बात
इस मामले की पैरवी कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया. हालांकि अदालत ने कहा कि जैन पहले ही हिरासत में काफी समय बिता चुके हैं और निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है, तो पूरा होने की तो बात ही छोड़िए. हाईकोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया मामले में निर्धारित मापदंडों के आधार पर सत्येंद्र जैन भी जमानत के हकदार हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट हुए थे सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को कथित रूप से उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था.