हज शुरू होने से पहले सऊदी अरब ने छह भाषाओं में तीर्थयात्रियों के लिए एक स्मार्ट गाइड जारी किया है, जो हजयात्रियों को हज के नियमों और तौर-तरीकों के बारे में बताएगा. दिलचस्प बात ये है कि हज स्मार्ट गाइड में भारत की एक रीजनल लैंग्वेज मलयालम को भी शामिल किया गया है. हालांकि इस लिस्ट में उर्दू शामिल है, लेकिन ये मुख्य रूप से पाकिस्तान के हजयात्रियों के लिए है.
इन 6 भाषाओं में जारी हुई “स्मार्ट बुक ऑफ़ हज रिचुअल्स”
उर्दू और मलयालम के अलावा, “स्मार्ट बुक ऑफ़ हज रिचुअल्स” अरबी, अंग्रेजी, फ्रेंच और तुर्की में उपलब्ध है. गल्फ न्यूज़ के मुताबिक, ये इलेक्ट्रॉनिक गाइड मस्जिदों में स्थित सभी इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकालयों और सऊदी राष्ट्रीय विमान सेवा सउदिया की उड़ानों में उपलब्ध होगी. यह स्मार्ट गाइड सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री शेख अब्दुल्लातिफ अल-शेख द्वारा सुचारू और परेशानी मुक्त हज यात्रा सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है.
मंगलवार से नुसुक प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए नहीं मिलेगा उमराह परमिट
स्मार्ट गाइड शुरू करने के अलावा, सऊदी सरकार ने यह भी घोषणा की है कि मंगलवार से सऊदी नागरिक, निवासी, जीसीसी नागरिक और राज्य के अंदर अन्य प्रकार के वीज़ाधारक मंगलवार से नुसुक प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए उमराह परमिट प्राप्त नहीं कर पाएंगे. बता दें कि नुसुक प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही तीर्थयात्री तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण कराते हैं. मक्का जाने के लिए अब अबशेर या मुकीम मंच के माध्यम से जारी आधिकारिक परमिट की जरूरत होगी.
बिना हज वीज़ा के मक्का में घुसने पर सख्त कार्रवाई
मंगलवार से केवल मक्का में रहने वाले लोगों, हजकर्मियों और वैध हज परमिट धारकों को ही पवित्र शहर में एंट्री करने की इजाजत मिलेगी. सरकार ने बिना हज वीज़ा के शहर के अंदर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. इस साल का हज चांद दिखने के आधार पर 6 जून, 2025 के आसपास शुरू होने की उम्मीद है. बता दें कि पिछले साल हज के दौरान बिना इजाजत कई लोगों के शामिल होने की खबर थी, जिसके चलते अव्यवस्था हो गई थी.