भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को महिला उद्यमियों के लिए कम ब्याज दर के साथ बिना गारंटी वाले ऋण की पेशकश की. एसबीआई ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर ‘अस्मिता’ नाम से उत्पाद पेश किया. इसका मकसद महिलाओं को कम ब्याज दर वाले वित्तपोषण विकल्प देना है.
एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि नई पेशकश से महिलाओं के नेतृत्व वाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों को जल्दी और आसानी से कर्ज मिलेगा. बैंक के प्रबंध निदेशक विनय टोंस ने नई पेशकश को तकनीकी नवाचार और सामाजिक समानता का प्रतीक बताया.
महिलाओं के लिए शुरू हुई ये स्कीम
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने रूपे द्वारा संचालित ‘नारी शक्ति’ प्लैटिनम डेबिट कार्ड भी पेश किया, जिसे विशेष रूप से महिलाओं के लिए तैयार किया गया है. दूसरी ओर बैंक ऑफ बड़ौदा ने शुक्रवार को भारतीय मूल की महिलाओं के लिए ‘बॉब वैश्विक महिला एनआरई और एनआरओ बचत खाता’ पेश किया. इसमें ग्राहकों को जमा पर अधिक ब्याज, कम प्रसंस्करण शुल्क के साथ आवास ऋण और वाहन ऋण तथा लॉकर किराए पर छूट जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
मुनाफे में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपए हो गया. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में एकल आधार पर शुद्ध लाभ 9,164 करोड़ रुपए रहा था. एसबीआई ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 1,28,467 करोड़ रुपए हो गई, जो गत वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,18,193 करोड़ रुपए थी. समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की ब्याज आय सालाना आधार पर 1,06,734 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,17,427 करोड़ रुपए हो गई.
एनपीए में गिरावट
परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर बैंक ने सुधार देखा और सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) दिसंबर 2024 के अंत में 2.07 फीसदी पर आ गईं, जो पिछले दिसंबर 2023 के अंत में 2.42 प्रतिशत थीं. इसी प्रकार, शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) भी सालाना आधार पर 0.64 फीसदी से घटकर 0.53 फीसदी रह गईं. वहीं एसबीआई समूह का एकीकृत शुद्ध लाभ इस अवधि में सालाना आधार पर 11,064 करोड़ रुपए से 70 फीसदी बढ़कर 18,853 करोड़ रुपए हो गया. एकीकृत कुल आय तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 1,53,072 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,67,854 करोड़ रुपए हो गई.