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NEET-SS परीक्षा रद्द करने के फैसले को SC ने बताया सही, छात्रों की याचिका खारिज, जानें मामला?

Supreme Court on NEET-SS Exam: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नीट सुपर स्पेशियलिटी (NEET-SS) परीक्षा को लेकर एक याचिका खारिज कर दी है. याचिका में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के इस साल नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा आयोजित नहीं करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा रद्द करने का फैसला ‘काफी न्यायसंगत’ था और ‘मनमाना’ नहीं था. हालांकि कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को 30 दिनों के अंदर परीक्षा की तारीख का नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.

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भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए परीक्षा आयोजित नहीं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. अदालत ने एनएमसी से तीस दिनों के अंदर परीक्षा तारीख जारी करने का निर्देश दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीट-एसएस एग्जाम जनवरी 2025 में हो सकता है.

NEET-SS एग्जाम क्या है?

इस मामले को समझने से पहले यह समझना भी बहुत जरूरी है कि नीट-एसएस एग्जाम क्या है? यह परीक्षा उन डॉक्टरों के लिए आयोजित की जाती है जो एमडी, एमएस या डीएनबी जैसी पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल कर चुके हैं और अब सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं. खासकर उन डॉक्टरों के लिए महत्वपूर्ण होती है जो अपने मेडिकल करियर में एक नया आयाम जोड़ना चाहते हैं. इस परीक्षा के माध्यम से ही देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध सुपर स्पेशियलिटी कोर्स जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी आदि में एडमिशन मिलता है.

क्या है मामला?

दरअसल, नीट-एसएस एग्जाम अगस्त में होना था लेकिन एनएमसी ने इसे रद्द कर दिया. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने एक दलील में कहा कि परीक्षा अगस्त में होनी चाहिए थी, अगर इस परीक्षा में देरी होती है, तो अगले साल परीक्षा दो बार आयोजित करनी होगी.

NMC ने क्या कुछ कहा?

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एनएमसी ने कहा कि कोविड-19 के कारण 2021 के बजाय 2022 में शुरू हुए स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम जनवरी 2025 में समाप्त होंगे. अगर इस साल नीट-एसएस आयोजित की जाती है तो इन छात्रों को इस परीक्षा में शामिल होने के अवसर से वंचित किया जाएगा. एनएमसी ने आगे बताया कि हर साल NEET SS परीक्षा में भाग लेने वाले केवल 40 प्रतिशत प्रतिभागी पिछले स्नातक बैच से होते हैं और शेष 60 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार होते हैं जिन्होंने पहले ही अपनी स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर ली है.

NEET-SS मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली बेंच ने एनएमसी से अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-सुपर स्पेशियलिटी (नीट-एसएस) का कार्यक्रम तय करने को भी कहा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मेडिकल निकाय को तीस दिनों के भीतर परीक्षा का कार्यक्रम जारी करने का निर्देश दिया है.

पीटीआई की रिपोर्ट में बेंच के हवाले से कहा, “2021 पीजी बैच (जिनके पाठ्यक्रम जनवरी 2022 में शुरू हुए और जनवरी 2025 समाप्त होगा) से चुने गए छात्र प्रतिस्पर्धा करने के अवसर से वंचित हो जाएंगे. इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी जहां उम्मीदवारों के दो बैच NEET-SS 2025 परीक्षा में एक ही सीट के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे. इसलिए, NMC की दलीलों को खारिज करना संभव नहीं है.” बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही नीट-एसएस परीक्षा दे चुके हैं और इसलिए उनका कोई नुकसान नहीं होगा.

“दूसरी ओर, अगर NEET-SS 2024 में आयोजित किया जाता है, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी जहां जनवरी 2025 में पास होने वाले छात्र NEET-SS परीक्षा में बैठने से वंचित रह जाएंगे. बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “इसलिए, एनएमसी का फैसला काफी न्यायसंगत है और इसे मनमाना नहीं कहा जा सकता.” शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को राहुल बलवान सहित 13 डॉक्टरों द्वारा दायर याचिका पर एनएमसी को नोटिस जारी किया था.

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